भारत का पहला ग्रीन जोन बनाएगा दक्षिणी दिल्ली निगम, CNG के साथ ई-वाहनों की होगी चार्जिंग
लाभकारी परियोजना विभाग के उपायुक्त प्रेम शंकर झा ने कहा कि ग्रीन जोन बनाने कार्य करने वाला निगम भारत का पहला निकाय बन जाएगा। इसमें आइजीएल के माध्यम से स्मार्ट सीएनजी और ई-वाहनों के चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जो डलाव पहले गंदगी का पर्याय थे अब वहीं डलाव घर स्वच्छ पर्यावरण का पर्याय बनेंगे। भारत में पहली बार ग्रीन जोन की शुरुआत दक्षिणी निगम से होगी। इससे न केवल पर्यावरण स्वच्छ होगा बल्कि स्वच्छ ईधन के उपयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके तहत एक ही स्थान पर न केवल सीएनजी मिलेगी बल्कि ई-वाहनों के चार्जिंग की भी सुविधा होगी। निगम ने फिलहाल ऐसे 40 डलाव घरों की सूची तैयार की है। इन 40 डलाव घरों को ग्रीन जोन में तब्दील किया जाएगा। फिलहाल इन डलाव घरों के लिए अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र(एनओसी) लेने की प्रक्रिया चल रही है। इसी बीच दक्षिणी निगम की स्थायी समिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
समिति द्वारा मंजूर किए गए प्रस्ताव के अनुसार बंद किए गए डलाव घरों को ग्रीन जोन में तब्दील करेगा। इसके लिए इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आइजीएल) के साथ समझौता होगा। समझौते के अनुसार निगम आइजीएल को स्थान उपलब्ध कराएगा। इस पर आइजीएल सीएनजी स्टेशन और ई-वाहनों के चार्जिंग की सुविधा होगी।
कॉलोनियों में मिलेगी सुविधा
दक्षिणी निगम के नेता सदन नरेंद्र चावला ने कहा कि ग्रीन जोन बनने से नागरिकों को घर के पास भी सीएनजी और ई-वाहनों के चार्जिंग की सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि इससे राजधानी के प्रदूषण को कम करने में सहायता मिलेगी। वहीं जब सीएनजी व ई-चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ जाएगी तो लोग इस ईधन से चलने वाले वाहनों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे। वहीं, निगम को राजस्व की भी प्राप्ति होगी। निगम प्रति स्टेशन किराया लेंगा वहीं जितनी सीएनजी भरी जाएगी उसमें 50 पैसे प्रति किलो भी हिस्सेदारी लेगा। ई-वाहनों की चार्जिंग का स्थान देने की भी राशि अलग होगी। उल्लेखनीय है कि निगम 300 से अधिक डलावों को बंद कर चुका है। अब इनकी जगह नई मशीनें लगाई गई हैं जहां पर तीन डलाव का कूड़ा एक ही मशीन में आ जाता है।
लाभकारी परियोजना विभाग के उपायुक्त प्रेम शंकर झा ने कहा कि ग्रीन जोन बनाने कार्य करने वाला निगम भारत का पहला निकाय बन जाएगा। इसमें आइजीएल के माध्यम से स्मार्ट सीएनजी और ई-वाहनों के चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।