AAP से गठबंधन को लेकर सोनिया गांधी भी हुईं सक्रिय, अगले 48 घंटों में हो सकता है ऐलान
पार्टी सूत्रों के मुताबिक हाल ही में सोनिया ने दिल्ली के कुछ बड़े और अहम नेताओं को अपने घर बुलाया था। इसमें चुनिंदा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद भी शामिल थे।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन के मसले पर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी भी दिल्ली के नेताओं के संपर्क में है। ऐसे में गठबंधन पर अंतिम निर्णय में अप्रत्यक्ष रूप से सोनिया का हस्तक्षेप होने से इनकार नहीं किया जा सकता। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में सोनिया ने दिल्ली के कुछ बड़े नेताओं को घर बुलाया था। इसमें चुनिंदा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद भी शामिल थे। तकरीबन 32 मिनट की मुलाकात में सोनिया ने इनसे दिल्ली के सियासी माहौल और गठबंधन के पक्ष-विपक्ष पर भी रायशुमारी की।
इस चर्चा के दौरान दिल्ली के नेताओं ने मौजूदा परिप्रेक्ष्य में गठबंधन को वक्त की जरूरत बताया। उनका कहना था कि सीधे-सीधे चुनाव हारने और दिल्ली की सातों सीटें भाजपा को थाली में परोसकर दे देने का कोई औचित्य नहीं है। इन नेताओं ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय हितों पर ही लड़ा जाना चाहिए, राज्य या प्रदेश के हित में नहीं।
केवल टिकटार्थी कर रहे गठबंधन की मुखालफत
पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा की एकतरफा जीत की संभावना को देखते हुए अब प्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर छोटे -बड़े नेताओं ने गठबंधन को अपना समर्थन दे दिया है। विरोध में अब केवल टिकटार्थी रह गए हैं। इनमें प्रदेश के तीनों ही कार्यकारी अध्यक्ष भी शामिल हैं। मालूम हो कि तीनों ही लोकसभा का टिकट मांग रहे हैं और गठबंधन होने की स्थिति में तीनों का ही टिकट कट रहा है।
सबसे महत्वपूर्ण पेच यहां फंस रहा
पार्टी सूत्र बताते हैं कि गठबंधन में एक पेच यह भी सामने आ रहा है कि गठबंधन होने की स्थिति में सबसे ज्यादा फायदा नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से संभावित प्रत्याशी अजय माकन को होता नजर आ रहा है। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी उस पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट को छोड़ने के लिए भी तैयार नहीं है जहां से 10 साल तक शीला दीक्षित के सुपुत्र संदीप दीक्षित सांसद रहे थे। शीला को यह दोनों ही चीजें गंवारा नहीं है।
बुधवार देर रात या बृहस्पतिवार को तस्वीर हो सकती साफ
पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार देर शाम तक ही दिल्ली लौटेंगे। प्रदेश प्रभारी पीसी चाको और प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित के साथ बैठक कर राहुल अपना अंतिम निर्णय बुधवार देर रात भी ले सकते हैं और बृहस्पतिवार को भी तस्वीर साफ कर सकते हैं।
सुभाष चोपड़ा (पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, दिल्ली कांग्रेस) ने बताया कि गठबंधन पर पार्टी आलाकमान का निर्णय सर्वमान्य होगा। इसमें भी संदेह नहीं कि लोकसभा चुनाव में राष्ट्रहित ज्यादा महत्वपूर्ण रहता है। हालांकि हां या न जो भी हो, जल्द हो जानी चाहिए। लंबा समय खींचने से पार्टी को नुकसान ही पहुंच रहा है।