दिल्ली सरकार की शर्त से आयुष्मान भारत योजना पर फंसा पेंच, राजनीतिक श्रेय लेने की होड़
यदि केंद्र की बीमा योजना दिल्ली में लागू नहीं हुई तो दिल्ली सरकार अपनी योजना लागू करेगी, पर इससे दिल्ली सरकार पर अधिक आर्थिक बोझ पड़ेगा।
नई दिल्ली [जेएनएन]। गरीबों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संरक्षण योजना आयुष्मान भारत में दिल्ली सरकार शामिल तो होना चाहती है, मगर कुछ शर्तों के साथ। दिल्ली सरकार चाहती है कि केंद्र सरकार इस बीमा योजना के दायरे में आने वाले लोगों के आर्थिक पैमाने में कुछ बदलाव करे, ताकि राजधानी में अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।
हल निकलने की उम्मीद
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय (डीजीएचएस) के अधिकारी कहते हैं कि केंद्र ने इन शर्तों पर विचार का आश्वासन तो दिया है, मगर इन शर्तों को पूरा करना आसान नहीं है। इन शर्तों के कारण केंद्र की इस बीमा योजना को दिल्ली में लागू करने पर पेंच फंसा है। हालांकि, अधिकारियों को अब भी उम्मीद है कि इस मामले पर कुछ हल निकलेगा। यदि केंद्र की बीमा योजना दिल्ली में लागू नहीं हुई तो दिल्ली सरकार अपनी योजना लागू करेगी, पर इससे दिल्ली सरकार पर अधिक आर्थिक बोझ पड़ेगा।
20 लाख लोगों को मिलेगा लाभ
महानिदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2011 में कराए गए सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना के आधार पर स्वास्थ्य बीमा देने का दिशा-निर्देश तय किया है। केंद्र द्वारा इस योजना में शामिल होने का प्रस्ताव आने पर यह आकलन किया गया कि मौजूदा प्रावधानों के अनुसार यदि इसे दिल्ली में लागू किया गया तो यहां करीब 20 लाख लोगों को इसका लाभ मिलेगा, जबकि दिल्ली की जनसंख्या करीब 1.80 करोड़ है।
नियम में छूट देना आसान नहीं
वहीं, खाद्य सुरक्षा योजना के तहत यहां करीब 17 लाख परिवारों को खाद्य सुरक्षा कार्ड जारी किया गया है। दिल्ली में 17 खाद्य सुरक्षा कार्डधारी परिवारों के 80 लाख लोगों को बीमा उपलब्ध कराने की पहले से योजना है। इसलिए दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य विभाग चाहता है कि इन 80 लाख लोगों को केंद्र अपनी बीमा योजना के दायरे में लाए। मगर, केंद्र सरकार के लिए किसी एक राज्य को नियम में छूट देना आसान नहीं होगा। बता दें कि आयुष्मान भारत योजना के तहत 60 फीसद हिस्सा केंद्र सरकार भुगतान करेगी और 40 फीसद हिस्सा राज्यों को भुगतान करना है।
राजनीतिक श्रेय के लिए नाम में बदलाव चाहती है दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कहते हैं कि दिल्ली सरकार केंद्र की योजना के नाम में भी थोड़ा बदलाव चाहती हैं ताकि उसे भी इसका राजनीतिक श्रेय मिल सके।
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