जारी है नकली नोटों की तस्करी, 'ट्रांजिट प्वाइंट' है पश्चिम बंगाल का मालदा जिला
बांग्लादेश व नेपाल में निर्मित दो हजार रुपये के नकली नोटों की तस्करी भारत में की जा रही है। इसमें पश्चिम बंगाल का मालदा जिला ट्रांजिट प्वाइंट बना हुआ है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। नोटबंदी के बाद बंद हुई नकली नोटों की तस्करी फिर से शुरू हो गई है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नकली नोटों की तस्करी में पश्चिम बंगाल निवासी एक अंतरराष्ट्रीय तस्कर काशिद (54) को गिरफ्तार किया है। उसके पास से 6.60 लाख कीमत के दो हजार के नकली भारतीय नोट बरामद हुए हैं।
स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त पीके कुशवाहा ने बताया कि पुलिस को जानकारी मिल रही थी कि बांग्लादेश व नेपाल में निर्मित दो हजार रुपये के नकली नोटों की तस्करी भारत में की जा रही है। इसमें पश्चिम बंगाल का मालदा जिला ट्रांजिट प्वाइंट बना हुआ है।
एक ही सीरियल नंबर
पुलिस की टीम ने 16 नवंबर को तस्कर काशिद को आनंद विहार बस अड्डे से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से दो हजार रुपये के 330 नकली नोट बरामद हुए। इसका कुल मूल्य 6.6 लाख रुपये है। बरामद नोटों में से 250 में एक ही सीरियल नंबर है। काशिद ने बताया कि वह गत 15 वर्ष से नकली नोट की तस्करी में लिप्त है। उसके दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार के कई तस्करों से संपर्क हैं।
नेपाल व बांग्लादेश से जुड़े तार
उसने बताया कि नेपाल व बांग्लादेश सीमा पर लगे सुरक्षा तार के ऊपर से नकली नोट का पैकेट भारत की सीमा में फेंक दिया जाता है जिसे उठाकर तस्कर अन्य राज्यों में आपूर्ति करते हैं। एनआइए ने भी पिछले दिनों मालदा से नौ लाख रुपये कीमत के नकली नोट बरामद किए थे।
600 थी दो हजार के नकली नोट की कीमत
वहीं गत दिनों स्पेशल सेल ने दिल्ली से उसके जानकार दो तस्कर जहीरुद्दीन और क्रांति को गिरफ्तार किया था। उनके पास से दो करोड़ के नकली नोट बरामद हुए थे। तस्कर ने बताया कि दो हजार के नकली नोट उसे 600 रुपये में मिलते थे। जिसे वह 900 रुपये में अन्य तस्करों को दे देता था।
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