पश्चिम एशिया में धूल भरी आंधी के चलते दिल्ली-NCR में बढ़ रहा स्मॉग
सफर का कहना है कि आठ नवंबर को वायु प्रदूषण के पीछे धूल भरी आंधी का योगदान 40 फीसद रहा।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने पर जारी बहस के बीच, केंद्र की एक मौसम निगरानी एजेंसी ने कहा है कि क्षेत्र में हालिया स्मॉग का मुख्य कारण पश्चिम एशिया की धूल भरी आंधी है। पुणे स्थित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान और अध्ययन प्रणाली (सफर) का कहना है कि आठ नवंबर को वायु प्रदूषण के पीछे धूल भरी आंधी का योगदान 40 फीसद रहा।
इसने पराली से हुए उत्सर्जन को पीछे छोड़ दिया, जिसका योगदान 25 फीसद था। पीएम 2.5 का स्तर 640 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंचने के साथ उस दिन सबसे ज्यादा प्रदूषण रहा। हफ्ते भर लंबे प्रदूषण संकट पर ‘सफर’ की वैज्ञानिक आकलन रिपोर्ट यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बाकी वाहन ईंधन जलने जैसे स्थानीय स्नोतों से उत्सर्जन हुआ। अगर बाहरी स्नोतों की कोई भूमिका नहीं होती तो इस अवधि में पीएम 2.5 का स्तर 200 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहता।
ट्रकों के प्रवेश और निर्माण गतिविधियों पर रोक से सकारात्मक परिणाम आए और स्थिति में करीब 15 फीसद का सुधार हुआ।
‘सफर’ ने कहा है कि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह और चार नवंबर के बीच इराक, कुवैत और सऊदी अरब से बहकर आई धूल भरी आंधी से सूक्ष्म कण दिल्ली के ऊपरी वातावरण में पहुंच गए।
इसके साथ ही छह नवंबर को पंजाब, उप्र और हरियाणा में पराली जलाने से ऊपरी हवा के दिल्ली की ओर की ओर रुख करने से स्थिति और बिगड़ गई।