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दिल्ली-NCR में हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात, जहरीली हो गई हवा; लोग परेशान

मौसम की जानकारी देने वाले संस्थान सफर के मुताबिक, दिल्ली में पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों ही खतरनाक श्रेणी में हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 09:24 AM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 12:36 PM (IST)
दिल्ली-NCR में हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात, जहरीली हो गई हवा; लोग परेशान
दिल्ली-NCR में हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात, जहरीली हो गई हवा; लोग परेशान

नई दिल्ली, जेेएनएन। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह से हेल्थ इमरजेंसी की स्थिति बन चुकी है। सोमवार सुबह स्मॉग ने भी दस्तक  दे दी है। माना जा रहा है कि दिवाली के दिन से स्मॉग से दिल्ली-एनसीआर के हालात और बदतर होंगे। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ चुका है कि लोग न तो घर के बाहर और न घर के अंदर ही शुद्ध हवा में सांस ले पा रहे हैं। आलम यह है कि सार्वजनिक स्थल के साथ-साथ घर और दफ्तर में भी लोगों को जहरीली हवा में सांस लेना पड़ रहा है।

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स्मॉग में लिपटा दिल्ली-एनसीआर
यहां पर बता दें कि सोमवार सुबह से दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग छाया हुआ है। इसके चलते लोगों को सुबह-सुबह सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दिल्ली में कई जगहों पर हवा की क्वॉलिटी खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि तापमान गिरने के चलते लोगों का हल्की ठंड का अहसास भी होने लगा है। 

मौसम की जानकारी देने वाले संस्थान 'सफर' के मुताबिक, दिल्ली में पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों ही खतरनाक श्रेणी में हैं।

सोमवार सुबह दिल्ली के मंदिर मार्ग इलाके का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 707 दर्ज किया गया, मेजर ध्यान चंद स्टेडियम में हवा की गुणवत्ता 676 रही और जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम की 681। एयर क्वॉलिटी के ये स्तर 'खतरनाक' की कैटिगरी में आते हैं।

दो दिन बाद यानी बुधवार को दिवाली है और उससे महज दो दिन पहले स्मॉग में लिपटी सुबह को लेकर लोग परेशान हैं। पहले ही यह अनुमान जताया जा चुका है कि दिवाली के दिन सबसे खराब हालत होगी, हवा की गुणवत्ता तब तक और खराब हो जाएगी।

लोगों को सांस लेने में परेशानी
स्मॉग के चलते सबसे ज्यादा परेशान बच्चे और बुजुर्ग हैं। स्मॉग उन लोगों को ज्यादा परेशान करता है, जिन्हें सांस की बीमारी यानी अस्थमा आदि होता है। ऐसे लोगों को बाहर निकलते ही दम घुटने जैसा महसूस होने लगता है। विशेषज्ञों के मुुताबिक, अधिक देर तक ऐसी जहरीली हवा में रहने से उनकी हालत और भी खराब हो सकती है।ऐसे में इस जहरीले स्मॉग से बचने के लिए आप मास्क का प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा आंखों की सुरक्षा के लिए भी आप चश्मे का प्रयोग कर सकते हैं।

रविवार को मिली राहत

हालांकि, लगातार प्रदूषण के कारण सांस लेने में तकलीफ का सामना कर रही दिल्ली को रविवार को दिन में कुछ देर के लिए राहत की सासें नसीब हुई। दिल्ली और आसपास के इलाकों में दिनभर 20 किलोमीटर की तेज रफ्तार से हवा चली जिससे यह स्थिति बनी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के प्रदूषण मॉनिट¨रग स्टेशन में दोपहर बाद 4 बजे तक एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 171 तक दर्ज किया गया। इसके बाद यह बढ़ता चला गया और देर शाम तक 231 पर पहुंच गया। यानी हवा की गुणवत्ता दिन में सामान्य तो शाम में खराब श्रेणी में पहुंच गई। बता दें एयर क्वॉलिटी इंडेक्स शून्य से 50 तक होने पर हवा को अच्छा, 51 से 100 होने पर संतोषजनक, 101 से 200 के बीच सामान्य, 201 से 300 से खराब, 301 से 400 तक बहुत खराब और 401 से 500 के बीच को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है।

स्काइमेट के मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में रविवार को दिन लोगों को बढ़ते प्रदूषण से राहत मिली, लेकिन सोमवार के बाद फिर से हवा में प्रदूषित कणों का स्तर बढ़ने की आशंका है। उन्होंने बताया कि रविवार को पूरे दिन 20 किलोमीटर प्रति घंटे की तरफ से हवा चली। इतनी रफ्तार प्रदूषित कणों को वातावरण से आगे पहुंचाने के लिए काफी होती है। इससे पहले 20 दिनों से हवा की रफ्तार काफी कम थी। ऐसे भी दिन आए जब हवा की रफ्तार शून्य के करीब पहुंच गई थी जिससे धूल और धुएं से प्रदूषण काफी बढ़ गया था। साथ ही पराली के जलने से भी आपातकालीन स्थिति में प्रदूषण का स्तर पहुंच गया था। इस तरह कम हुआ प्रदूषण पलावत ने बताया कि पहाड़ों में हाल ही में पश्चिमी विक्षोभ ने दस्तक दी है। इसकी वजह से उतर पश्चिमी दिशा से तेज रफ्तार से हवा दिल्ली की तरफ पहुंची। हवा के कारण ही प्रदूषण का स्तर गिरा। शाम में हवा की गति कम होते ही प्रदूषण फिर से बढ़ने लगा।

लापरवाही हुई तो अधिकारियों के खिलाफ बनाएंगे रिपोर्ट
ईपीसीए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के सदस्यों ने कहा कि उनकी तरफ से एजेंसियों को निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे प्रदूषण की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाएं। यदि कहीं खुले में कचरा जलता हुआ पाया गया या नियमों के उल्लंघन पर अधिकारियों द्वारा ध्यान देता नहीं पाया गया तो इसकी सूचना भी रिपोर्ट में दी जाएगी। ईपीसीए प्रदूषण की रोकथाम के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करती है जो सुप्रीम कोर्ट को भी भेजी जाती है। कोई अधिकारी लापरवाही बरतेगा तो उसका भी जिक्र रिपोर्ट में होगा। 

गौरतलब है कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 1 से 10 नवंबर तक के लिए पर्यावरण प्रदूषण निवारक प्राधिकरण (इपका) की ओर से तमाम प्रतिबंधों के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सीपीसीबी के मुताबिक, क्लीन एयर अभियान के तहत शुक्रवार और शनिवार को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 80 लाख से ज्यादा का जुर्माना वसूला गया। सिर्फ शनिवार को ही दिल्ली में 465 शिकायतों के आधार पर 52 टीमों ने 41 लाख 82 हजार से ज्यादा का जुर्माना वसूला है।


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