Delhi Metro के सभी स्टेशनों पर क्यूआर कोड से स्मार्ट कार्ड रिचार्ज की सुविधा
अब दिल्ली मेट्रो के सभी स्टेशनों पर क्यूआर कोड से स्मार्ट कार्ड रीचार्ज की सुविधा उपलब्ध है।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) 7 सितंबर से मेट्रो ट्रेनों का संचालन शुरू करने के साथ सुविधाओं में भी इजाफा कर रहा है। खासकर कोरोना वायरस संक्रमण नहीं फैले, इसलिए यात्रियों को डीएमआरसी ने एक और सुविधा प्रदान करनी शुरू कर दी है। अब दिल्ली मेट्रो के सभी स्टेशनों पर क्यूआर कोड से स्मार्ट कार्ड रीचार्ज की सुविधा उपलब्ध है। पहले क्यूआर कोड स्कैन कर टोकन लेने की भी सुविधा थी, लेकिन कोरोना के कारण अभी यात्रियों को टोकन उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। डीएमआरसी का कहना है कि क्यूआर कोड से पैसे की लेनदेन में अब तक किसी तरह की खामी सामने नहीं आई है।
मेट्रो स्टेशनों पर सफाई का खास इंतजाम
मेट्रो ट्रेन व स्टेशनों पर वैसे तो साफ सफाई बढ़ा दी गई है। स्टेशनों पर प्रत्येक चार घंटे पर ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन गेट, लिफ्ट, टोकन वेंडिंग मशीन इत्यादी की साफ सफाई की जाती है। हर टर्मिनल स्टेशन पर पहुंचने के बाद मेट्रो के कोच को सैनिटाइज किया जाता है लेकिन रविवार को मेट्रो ट्रेनों व स्टेशनों की विशेष रूप से साफ किया गया। मेट्रो के 12 डिपो हैं। उन सभी डिपो में ट्रेनों की साफ सफाई की गई।
294 मेट्रो ट्रेनें प्रतिदिन लगाएंगी 4500 फेरे
मेट्रो की सभी लाइनों पर परिचालन सामान्य होने के बाद यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी है। यात्रियों की सुविधा के लिए प्रतिदिन 294 मेट्रो ट्रेनें करीब 4500 फेरे लगाएंगी। सात सितंबर को मेट्रो शुरू होने के बाद से लगातार यात्री संख्या बढ़ रही है। हालांकि, रविवार को बहुत कम यात्रियों ने सफर किया, लेकिन बीते शनिवार को रात 11 बजे तक कुल एक लाख 80 हजार यात्रियों ने सफर किया। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या तीन लाख के करीब पहुंच जाएगी। दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 349 किलोमीटर लंबा है जिसमें 253 मेट्रो स्टेशन हैं, इनमें 28 इंटरचेंज स्टेशन भी शामिल हैं। मेट्रो के नेटवर्क में करीब 330 ट्रेनें हैं, जिसमें से 294 ट्रेनों का परिचालन होगा।
कोरोना के संक्रमण की वजह से मेट्रो में यात्रियों की संख्या क्षमता से 80 फीसद कम रखने का प्रबंध किया गया है। लॉकडाउन से पहले मेट्रो में सामान्य तौर पर प्रतिदिन करीब 28 लाख यात्री सफर करते थे। मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक प्रतिदिन पांच लाख से छह लाख यात्री सफर कर सकते हैं। हालांकि, फिलहाल इससे भी कम यात्री सफर कर रहे हैं।
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