देश के इस नामी डॉक्टर ने किया था शोमैन राजकूपर का भी इलाज, कोरोना ने ले ली जान
एम्स के मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र नाथ पांडेय मूलरूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। एम्स के मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र नाथ पांडे की कोरोना से मौत हो गई। वह 79 वर्ष के थे। कोरोना होने के बाद वह सिद्धार्थ नगर एन्क्लेव स्थित घर पर होम आइसोलेशन में थे। शुक्रवार रात घर पर ही उनकी मौत हो गई। उनकी 75 वर्षीय पत्नी भी कोरोना से संक्रमित हैं। इस वजह से उन्हें इलाज के लिए एम्स के प्राइवेट वार्ड में भर्ती किया गया है। वरिष्ठ डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। डॉ. जितेंद्र नाथ पांडे सेवानिवृत्ति के बाद सीताराम भरतिया अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे थे।
वह मूलरूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। उनके निधन पर डॉक्टरों ने दुख जताया है। एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कई बड़ी हस्तियों का इलाज किया था। उनके मरीजों की सूची में मशहूर अभिनेता राज कपूर का नाम भी शामिल था। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले उन्हें कोरोना का संक्रमण हुआ था। संक्रमण का असर हल्का था। इस वजह से वह होम आइसोलेशन में थे।
एम्स रात्रि विश्राम गृह में 22 लोग संक्रमित, कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रात्रि विश्राम गृह में 22 लोगों के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को तत्काल विश्राम गृह का निरीक्षण करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने विश्राम गृह की व्यवस्था को तुरंत सुधारने एवं मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। याचिका पर अगली सुनवाई 27 मई को होगी। वीडियो कान्फ्रें¨सग के माध्यम से सुनवाई के दौरान पीठ ने हैरानी जताते हुए पूछा कि जब वहां कोरोना मरीज पाए गए तो उनको एम्स में क्यों नहीं स्थानांतरित किया गया। उनके लिए उचित व्यवस्था क्यों नहीं की गई। पीठ ने इन सवालों पर दिल्ली सरकार के स्वस्थ विभाग के प्रधान सचिव, अर्बन शेल्टर के मुखिया एवं एम्स के संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। साथ ही वहां जाकर इस मामले की जांच करवाने और जो भी कमी हो उसे तुरंत दूर करवाने का निर्देश दिया। पीठ ने ये निर्देश एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है जिसमें कहा गया था कि रात्रि विश्राम गृह की व्यवस्था सही ढंग से नहीं चल रही है। वहां मरीजों के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है, जबकि दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि वहां मरीजों के लिए सभी प्रकार की उचित व्यवस्था की गई है।