COVID-19: अस्पतालों में PPE किट और मेडिकल उपकरणों की कमी को पूरा किया जाएः कांग्रेस
देश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सभी अस्पतालों में PPE मास्क और मेडिकल उपकरणों की कमी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कोरोना के इलाज में सरकार लापरवाही बरत रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सभी अस्पतालों में PPE, मास्क और मेडिकल उपकरणों की कमी है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में एमसीडी पूरी तरह फेल साबित हुई है। डॉक्टर और नर्सेज को तुरंत PPE किट मुहैया कराई जाए।
अनिल चौधरी ने कहा कि नगर निगम के हिंदूराव अस्पताल में 50 बेड आइसोलेशन में रखे गए लेकिन वहां कोई जाने को तैयार नही क्योंकि वहां स्थिति ठीक नही है। एक डॉक्टर को टर्मिनेट किया गया।
सफाई कर्मचारियों का रखा जाए विशेष ध्यानः कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सफाई कर्मचारियों के स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। सफाईकर्मी लगातार कूड़ा उठा रहे है। खासकर नार्थ mcd में वहां उन्हें सैलेरी नही मिली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि कोरोनो के खिलाफ लड़ने वाले कर्मियों को तुरंत सैलरी दी जाए और इन्हें नियमित करके इनको हौंसला अफ़ज़ाई किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि लॉक डाउन में हाउस टैक्स की तारीफ टाल दिया जाए और इसे अगले वित्त वर्ष तक बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तुरंत पेंशन धारकों की पेंशन रिलीस की जाए।
निगमों को सीधे फंड जारी करे केंद्र: चावला
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के पूर्व महापौर व जनकपुरी से पार्षद नरेंद्र चावला ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर दिल्ली के नगर निगमों को पूर्ण राज्य के नगर निकायों की तर्ज पर दर्जा देने की मांग की है, जिससे दिल्ली के नगर निगमों को पूर्ण राज्यों के नगर निगम की तरह केंद्र से सीधे फंडिंग हो सके। चावला ने इसके साथ दिल्ली सरकार पर फंड न देने और नगर निगम के काम में रोड़ा अटकाने की बात कही है।
चावला ने बताया कि दिल्ली सरकार नगर निगम के फंड में लगातार कटौती कर रही है। गैर योजना मद में वर्ष 2019-20 में कुल 145.22 करोड़ रुपये ही जारी किए गए, जबकि नगर निगम ने 3066 करोड़ रुपये की आय अपने स्त्रोतों से की। उन्होंने बताया कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम दिल्ली का सबसे बड़ी स्थानीय निकाय है, जो लगभग 70 लाख नागरिकों को बेहतर नागरिक सुविधाएं प्रदान कर रहा है। निगम के प्रयासों से लगातार अपने राजस्व में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन दिल्ली सरकार की ओर से फंड में कटौती करने की वजह से नगर निगमों के पास विकास कार्यो के लिए भी राशि उपलब्ध नहीं हैं। इससे जनहित के कार्य भी प्रभावित होंगे।