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CBI का छापा पड़ा तो हटेंगे थानाध्यक्ष, दिल्ली पुलिस कमिश्नर का आदेश; रिश्वत के बढ़ते मामलों पर लिया फैसला

Delhi Police दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने राजधानी में बढ़ने रिश्वत लेने के मामलों को देखते हुए ये फैसला लिया है। कमिश्नर अरोड़ा ने अब यह नियम बनाया है कि अब थाना अध्यक्ष और चौकी इंचार्ज के साथ कार्रवाई की जाएगा जिनके यहां सीबीआई के छापे पड़ेंगे। पिछले माह एक के बाद कई थानों में सीबीआई के छापे पड़े थे।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 04 Aug 2024 07:18 PM (IST)
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दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा (फाइल फोटो)।

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली के थानों व चौकियों में आए दिन सीबीआई के छापे पड़ने से पुलिस महकमे में इन दिनों सभी जगह छापे की ही चर्चा हो रही है। इसको लेकर सवाल उठने पर पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने अब यह नियम बना दिया है कि जिस थाने अथवा चौकी में सीबीआई के छापे पड़ेंगे, वहां के थानाध्यक्ष का काम देखने वाले एटीओ या इंस्पेक्टर इंवेस्टिगेशन को लाइन हाजिर कर दिया जाएगा।

पिछले दो वर्षों से थानों व चौकियों में लगातार सीबीआई के छापे पड़ने पर जब सवाल उठने लगे, तब आयुक्त को कड़ा निर्णय लेना पड़ा है। उन्हें पुराने नियम को दोबारा लागू करना पड़ा। पूर्व पुलिस आयुक्त वाईएस डडवाल के कार्यकाल में इसी तरह का नियम था, जिसे बाद में खत्म कर दिया गया।

कई बार पड़ा सीबीआई का थाना

पिछले माह एक के बाद कई थानों में सीबीआई के छापे पड़ने पर पुलिस आयुक्त ने दोनों कानून एवं व्यवस्था रवींद्र सिंह यादव व मधुप तिवारी को अपने-अपने जोन के आला अधिकारियों की बैठक बुला पुलिस को भ्रष्टाचार के मामले में फंसने से बचने की सख्त हिदायत देने को कहा।

इसके बाद मधुप तिवारी ने अपने जोन के संयुक्त आयुक्त व डीसीपी को मुख्यालय में बुला एसीपी व थानाध्यक्षों के जरिये पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेने से बेचने की हिदायत देने को कहा गया।

रवींद्र सिंह यादव ने भी इसी तरह का आदेश जारी किया। थानाध्यक्षों को लाइन हाजिर करने का अभी मौखिक आदेश ही दिया गया है। इसको लेकर कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है।

पिछले माह एएसआई हुआ गिरफ्तार

बीते 26 जुलाई को द्वारका सेक्टर 23 थाने में तैनात एएसआई अनिल कुमार को सीबीआई ने रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। एएसआइ ने पीड़ित से उसके जब्त वाहन को छोड़ने के एवज में 50 हजार रुपये की मांग की थी। जिससे पीड़ित ने मामले की शिकायत सीबीआई में कर दी थी।

छापे की जानकारी पुलिस आयुक्त को मिलने पर उनके निर्देश पर थाने में एसएचओ का कामकाज देख रहे एटीओ को लाइन हाजिर कर दिया गया। इस तरह की यह पहली कार्रवाई थी। पीड़ित की स्कूटी की टक्कर हो जाने पर एएसआइ ने स्कूटी जब्त कर ली थी।

कोर्ट का आदेश लेकर जब पीड़ित स्कूटी छुड़वाने पहुंचा तब उसने स्कूटी को नहीं छोड़ा और उससे 50 हजार रुपये की मांग की गई थी। पीड़ित द्वारा सीबीआई से शिकायत कर देने पर एएसआई को चालीस हजार रिश्वत लेते पकड़ लिया गया।

एक हवलदार को किया गिरफ्तार

बीते बृहस्पतिवार को उत्तरी दिल्ली के मजनू का टीला पुलिस चौकी पर छापा मार सीबीआई ने एक हवलदार को गिरफ्तार कर एक संगठित रैकेट का पर्दाफाश किया, जिसमें पुलिसकर्मी बदमाश, ड्रग्स तस्कर व शराब तसकर को घोषित अपराधी बनाने की धमकी देकर कथित तौर पर वसूली करते थे। चौकी के पास स्थित एक ढाबा मालिक पुलिसकर्मियों के लिए वसूली करता था।

शिकायतकर्ता निमित कुमार के पास 29 जुलाई की रात 12 बजे हवलदार राजन ने काल कर बताया कि वह सिविल लाइंस से बोल रहा है।

डीसीपी कार्यालय ने बीसी की सूची तैयार की है, जिसमें उसका भी नाम है। उसे तीन तस्वीर और माता-पिता के आधार कार्ड के साथ मजनू का टीला चौकी में आने के लिए कहा गया था। राजन ने दोपहर में पीड़ित से मुलाकात कर बीसी की सूची से उसका नाम हटाने के लिए 30 हजार रिश्वत की मांग की।

पीड़ित ने पैसे की व्यवस्था करने के लिए दो दिन का समय मांगा। 30 जुलाई को हवलदार ने उसे बताया कि अगर वह 31 जुलाई की शाम तक पेसे नहीं दिया तब उसे बीसी घोषित कर दिया जाएगा। पीड़ित से पैसे लेने से पहले हवलदार को भनक लग गई, जिससे छापे के दौरान वह भागने में कामयाब हो गया।

चौकी इंचार्ज को निलंबित

इस मामले में चौकी इंचार्ज प्रवीण शर्मा को निलंबित कर दिया गया। वह 2014 बैच का सब इंस्पेक्टर है। साथ ही सिविल लाइंस थानाध्यक्ष को भी लाइन हाजिर कर दिया गया। संयुक्त आयुक्त परमादित्य व डीसीपी मनोज कुमार मीना ने मुख्यालय को दी रिपोर्ट में बताया है कि एसएचओ को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। ऐसे में उनकी वापसी की उम्मीद जताई जा रही है।