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DSGMC Elections 2021: मनजिंदर सिंह सिरसा का दावा- लाटरी से चुने गए दोनों सदस्य शिअद बादल में शामिल

शिअद बादल के नेताओं ने दावा किया है कि दोनों नामित सदस्य उनकी पार्टी में शामिल हो गए हैं। गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय में शुक्रवार को लाटरी से निकले पहले दो नामों पर आपत्ति जता दी गई थी। उसके बाद तीन और नाम निकाले गए लेकिन सदस्य संतुष्ट नहीं थे।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 03:29 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 03:29 PM (IST)
DSGMC Elections 2021: मनजिंदर सिंह सिरसा का दावा- लाटरी से चुने गए दोनों सदस्य शिअद बादल में शामिल
लाटरी से चुने गए दोनों सदस्य हमारे दल में शामिल। सौ. ट्विटर

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। गुरुद्वारा सिंह सभा के अध्यक्षों में से दो को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के नामित सदस्य बनाने को लेकर गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय ने सोमवार देर शाम तक कोई फैसला नहीं किया है। वहीं, शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) के नेताओं ने दावा किया है कि दोनों नामित सदस्य उनकी पार्टी में शामिल हो गए हैं। विरोधी पार्टियों का कहना है कि शिअद बादल भ्रम फैला रहा है। गुरुद्वारा सिंह सभा के अध्यक्षों में से दो नामित सदस्यों का चयन लाटरी के माध्यम से होता है।

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गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय में डीएसजीएमसी के नवनिर्वाचित सदस्यों की उपस्थिति में शुक्रवार को लाटरी से निकले पहले दो नामों पर आपत्ति जता दी गई थी। उसके बाद तीन और नाम निकाले गए, लेकिन सदस्य संतुष्ट नहीं थे। उनका कहना था निकाले गए पांच नामों में से चार लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

निदेशालय ने सदस्यों की आपत्ति की जांच कराने के बाद नामित सदस्यों की घोषणा करने का फैसला किया है। दूसरी ओर सोमवार को डीएसजीएमसी के निवर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा व शिअद बादल के प्रदेश अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने प्रेस वार्ता करके यह दावा किया कि मलकीत सिंह व कश्मीर सिंह दोनों नामित सदस्य चुने गए हैं। दोनों नेता अब शिअद बादल में शामिल हो गए हैं।

इन दोनों नेताओं ने अपने आप को नामित सदस्य बताते हुए कहा कि शिअद बादल में शामिल होकर वे पंथ की सेवा करना चाहते हैं। वहीं, जग आसरा गुरु ओट (जागो) के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने कहा कि शिअद बादल के नेता लोगों को गुमराह कर रहे हैं। अभी तक गुरुद्वारा निदेशालय ने किसी को प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है। लाटरी में जिनके नाम आए थे वे मृत निकले हैं। उनकी जगह कई लोग अपने आप को उस गुरुद्वारे का अध्यक्ष बता रहे हैं। गुरुद्वारा निदेशालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए।


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