शीला दीक्षित ने की 14 जिला और 280 ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षकों की नियुक्ति
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने शुक्रवार को 14 जिलों और 280 ब्लॉक के पर्यवेक्षकों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित भले ही करीब दस दिन से अस्पताल में हैं और ब्लॉक समितियों को भंग करने का विवाद भी अभी अनसुलझा ही है, लेकिन उनकी ओर से शुक्रवार को 14 जिला एवं 280 ब्लॉक पर्यवेक्षक घोषित कर दिए गए। जिला व ब्लॉक पर्यवेक्षक ही अब 280 नए ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति करेंगे, जिसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है।
पखवाड़े भर पूर्व शीला दीक्षित ने ब्लॉक समितियों को भंग कर दिया था। इसके बाद दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको ने इस आदेश को रद कर दिया था, जिससे विवाद पैदा हो गया। इसे सुलझाने के लिए ही शुक्रवार को शीला ने अपने तीनों कार्यकारी अध्यक्षों हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव और राजेश लिलोठिया के साथ बैठक रखी थी, लेकिन वह बैठक भी स्थगित हो गई और जिला एवं ब्लॉक पर्यवेक्षक घोषित कर दिए गए।
जिला स्तरीय पर्यवेक्षक के रूप में चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र के लिए सीपी मित्तल व जितेन्द्र कुमार जीतू, उत्तर पूर्वी दिल्ली के लिए राजेन्द्र शर्मा व रमाकांत गोस्वामी, पूर्वी दिल्ली के लिए किरण वालिया व रोहित मनचंदा, नई दिल्ली के लिए मंगत राम सिंघल व हसन अहमद, उत्तर पश्चिम दिल्ली के लिए चरणजीत राय व सुभाष भारद्वाज, पश्चिमी दिल्ली जिले के लिए ए के वालिया व मतीन अहमद तथा दक्षिणी दिल्ली लोक सभा सीट के लिए देश राज चौधरी व डा. नरेन्द्र नाथ को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
घोषणा के तुरंत बाद नवनियुक्त जिला पर्यवेक्षकों की हुई बैठक
घोषणा के तुरंत बाद नव नियुक्त 14 जिला कांग्रेस पर्यवेक्षकों की पहली बैठक प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई। इसमें सभी 280 ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति दस दिनों में सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई। इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। बैठक में नवनियुक्त सभी जिलों के पर्यवेक्षक मौजूद रहे। वहीं शनिवार शाम चार बजे प्रदेश कार्यालय में ब्लॉक के सभी 280 नवनियुक्त पर्यवेक्षकों की बैठक भी होगी। इसमें नए ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया पर विचार- विमर्श किया जाएगा।
जिला पर्यवेक्षकों की बैठक में यह तय हुआ कि नए ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति सभी की सहमति से हो और विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा तीन से चार महीने पहले कर दी जाए।
राजनीतिक रस्साकशी और बड़े पैमाने पर चल रही गुटबाजी के बीच शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस ने 14 जिला एवं 280 ब्लॉक पर्यवेक्षकों की घोषणा तो कर दी, लेकिन होने के साथ ही यह घोषणा जहां विवादों और सवालों के घेरे में आ गई है, वहीं शीला और चाको गुट में रार और अधिक बढ़ गई है। प्रदेश के तीनों कार्यकारी अध्यक्षों सहित प्रदेश प्रभारी ने भी इस घोषणा की पूर्व में जानकारी से पूर्णतया अनभिज्ञता जाहिर की है। प्रदेश के अनेक वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस के मनमाने निर्णयों के खिलाफ लामबंद होते हुए शनिवार को एक बैठक बुलाई है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक करीब पखवाड़े भर पूर्व जब प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित की ओर से 280 ब्लॉक समितियां भंग करने का आदेश आया तो इसका प्रदेश प्रभारी पी सी चाको और दो कार्यकारी अध्यक्षों हारून यूसुफ एवं देवेंद्र यादव ने कड़ा विरोध जताया। वजह, उन्हें विश्वास में नहीं लिया जाना। चाको ने शीला को एक पत्र लिखकर इस आदेश पर स्टे लगाने का भी निर्देश जारी किया था।
इसी बीच शीला दिल की बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती हो गईं। चाको के निर्देश पर ही शीला ने शुक्रवार शाम राजेश लिलोठिया सहित तीनों कार्यकारी अध्यक्षों की बैठक रखी थी। ताकि गलतफहमियां दूर की जा सकें, लेकिन यह बैठक अपरिहार्य कारणों से नहीं हो सकी। इसके विपरीत शीला के हस्ताक्षर के साथ जिला एवं ब्लॉक पर्यवेक्षकों की घोषणा कर दी गई।
प्रदेश कांग्रेस के इस कदम से तीनों कार्यकारी अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी और दिल्ली के तमाम पूर्व सांसद और विधायक सकते में हैं। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि जब प्रदेश अध्यक्ष बीमार हैं और अस्पताल में हैं, प्रदेश प्रभारी और कार्यकारी अध्यक्षों से भी पूछा नहीं जा रहा तो फिर यह सब कर कौन रहा है? कहीं ऐसा तो नहीं कि शीला दीक्षित के फर्जी हस्ताक्षर किए जा रहे हों या फिर उन्हें याद न रहने की बीमारी का फायदा उठाते हुए कुछ लोग ऐसा कर रहे हों?
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