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पुलिसकर्मी पर पिस्टल तानने वाले शाहरुख पठान की जमानत याचिका खारिज

पीठ ने उनके समक्ष जो वीडियो दिखाया गया उसने अदालत के विवेक को हिला कर रख दिया। पीठ ने याचिका में केंद्र सरकार मंत्रियों और न्यायाधीशों पर लगाए गए आरोपों को भी गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह निहायत अपमानजनक है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 05:17 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 05:17 PM (IST)
पुलिसकर्मी पर पिस्टल तानने वाले शाहरुख पठान की जमानत याचिका खारिज
दिल्ली दंगा में आरोपित शाहरुख पठान की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली हाई कोर्ट ने फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगा में आरोपित शाहरुख पठान की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि घटना से जुड़े वीडियो ने अदालत के विवेक को हिला दिया है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की पीठ ने कहा कि आखिर कैसे आरोपित कानून-व्यवस्था काे अपने हाथ में ले सकता है। हमें नहीं पता कि उसका इरादा शिकायकर्ता पुलिसकर्मी व अन्य किसी को मारने का था या नहीं, लेकिन यह भरोसा करना मुश्किल है कि आरोपित को नहीं पता था घटनास्थल पर उसकी हरकत से किसी को नुकसान पहुंचा सकती है। पीठ ने कहा कि शाहरुख एक बड़ी भीड़ का हिस्सा ही नहीं था जो कि पथराव करने के साथ ही पेट्रोल बम और गोलियां चला रही थी, बल्कि वह भीड़ में हाथ में पिस्टल लिए आगे था और गोली चला रहा था।

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कानून-व्यवस्था को कैसे हाथ में ले सकता है आरोपित शाहरुख पठान

पीठ ने उनके समक्ष जो वीडियो दिखाया गया, उसने अदालत के विवेक को हिला कर रख दिया। पीठ ने याचिका में केंद्र सरकार, मंत्रियों और न्यायाधीशों पर लगाए गए आरोपों को भी गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह निहायत अपमानजनक है। पीठ ने कहा कि जाफराबाद मेट्रो स्टेशन और मौजपुर चौक के बीच हुई इस हिंसा में शाहरुख पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं और अदालत से उसे जमानत देने के हक में नहीं है। पीठ ने कहा कि आरोपित का मामला यह नहीं है कि वह घटना में शामिल नहीं था। पीठ ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि अदालत ने बिल्कुल सही फैसला दिया है कि आरोपित दंगा में शामिल था और तस्वीरें उसके शामिल होने की सच्चाई बयां कर रही हैं।

पिस्टल तानने से जुड़े वीडियो ने अदालत के विवेक को हिला दिया

वहीं, निचली अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज करने के फैसले को चुनौती देते हुए शाहरुख ने दलील दी थी कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है। अब आगे मामले की सुनवाई में और वक्त लगेगा, ऐसे में उसे जेल में रखने का औचित्य नहीं है। उसने यह भी दलील दी थी कि उसे बली का बकरा बनाया गया है। वहीं, पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि शाहरुख पर लगे आरोप गंभीर हैं और उसने दंगा भड़काने में अहम भूमिका निभाई है। यह भी आरोप लगाया था कि शाहरुख न सिर्फ दंगे में शामिल रहा, बल्कि कानून व्यवस्था में लगे पुलिसकर्मी पर गोली चलाकर उसकी हत्या करने का भी प्रयास किया। ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जाना चाहिए।

गंभीर कृत्य के बाद आरोपी हुआ था फरार

कडकडढूमा कोर्ट ने भी यह कहते हुए जमानत देने से इन्कार कर दिया था कि शाहरुख ने सरेआम पुलिसकर्मी पर पिस्टल तानी, जो कि गंभीर कृत्य है। आरोपी घटना के बाद फरार हो गया था और पुलिस ने तीन मार्च, 2020 को उत्तर प्रदेश के शामली जिले से गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में बंद है।


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