शाहीन बाग का गेट नंबर 9 का रास्ता खुलने पर भी नहीं मिल रहा फायदा
इस मार्ग को खोलने से सिर्फ जामिया नगर ओखला शाहीन बाग अबुल फजल एंक्लेव व बाटला हाउस में रहने वाले लोगों को हुआ है।
दक्षिणी दिल्ली, जागरण संवाददाता। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनआरसी के विरोध में शाहीन बाग में 72 दिन से धरना-प्रदर्शन चल रहा है। इसकी वजह से ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल हो गई है। धरने के कारण दिल्ली-नोएडा मार्ग बंद है, जिससे दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोग दक्षिणी दिल्ली के कई इलाकों से कट गए हैं। सुबह-शाम पीक ऑवर्स में लोग घंटों जाम में फंसे रहते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल के बच्चों व नौकरीपेशा लोगों को हो रही है। इस मार्ग को खोलने से सिर्फ जामिया नगर, ओखला, शाहीन बाग, अबुल फजल एंक्लेव व बाटला हाउस आदि इलाकों में रहने वाले लोगों को ही फायदा हुआ है। नोएडा-दिल्ली-फरीदाबाद आने-जाने वाले लोगों को जाम ङोलना पड़ रहा है।
सीएए और एनआरसी के विरोध में पिछले साल 15 दिसंबर से ही कालिंदी कुंज से सरिता विहार के बीच रोड नंबर-13ए बंद है। इस कारण यहां का पूरा ट्रैफिक डीएनडी, आश्रम चौक, रिंग रोड, आउटर रिंग रोड, बारापुला, मथुरा रोड, मदनपुर खादर पुलिया व आसपास के अन्य मार्गो पर डायवर्ट है। इससे इन मार्गो पर वाहनों का अधिक दबाव है। यहां भयंकर जाम लग रहा है। लोगों को काफी परेशानी हो रही है। लोगों का कहना है कि रोड नंबर-9 खोलना तो मात्र दिखावा है। मदनपुर खादर गांव की पुलिया पर सुबह 7 बजे से ही यातायात जाम हो जाता है और देर रात तक जाम रहता है।
शाहीन बाग पर धरने के कारण आश्रम चौक, मदनपुर खादर पुलिया, जैतपुर व डीएनडी पर व्यस्त समय में भयंकर जाम लग रहा है। मथुरा रोड पर न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, कालिंदी कॉलोनी आदि के लोगों को भी जाम का सामना करना पड़ रहा है। जाम से बचने के लिए वाहन चालक इन कॉलानियों में चले जाते हैं। इससे कॉलोनी के अंदर भी जाम लग जाता है। इससे बुजुर्ग व बीमार लोगों को काफी परेशानी होती है। मैं ओखला में रहता हूं। अक्सर नोएडा जाना पड़ता है, लेकिन ढाई माह से शाहीन बाग में रास्ता बंद होने के कारण काफी परेशानी होती है। नोएडा जाने में पहले 15 मिनट लगते थे, लेकिन अब डीएनडी से घूमकर जाना पड़ता है, जिसमें करीब दो घंटे लग जाते हैं। जाम का भी सामना करना पड़ता है।