दिल्लीः सिविल डिफेंस भर्ती धांधली मामले में गिरी शाहदरा के डीएम कुलदीप पाकड़ पर गाज
सिविल डिफेंस भर्ती मामले में विवादों में आये शाहदरा के जिलाधिकारी कुलदीप पाकड़ का तबादला कर दिया गया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। शाहदरा के जिलाधिकारी कुलदीप पाकड़ का तबादला कर दिया गया है। पाकड़ पर आरोप था कि इन्होंने राजस्थान के 400 लोगों के पते आधार कार्ड में बदलवाकर शाहदरा जिले में सिविल डिफेंस में भर्ती करने जा रहे थे, नामांकन से पहले ही इन लोगों की ट्रेनिंग करवा दी गई थी। सर्टिफिकेट भी दिए गए थे।
करोल बाग के एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक से सिविल डिफेंस भर्ती में हुई धांधली की शिकायत की थी। जिलाधिकारी के खिलाफ कई स्तर पर जांच हो रही है। डिविजनल कमिश्नर ने कुछ दिन पहले ही अपनी रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपी थी, उसके बाद बाद कुलदीप पाकड़ का तबादला किया गया है।
फिर से शुरू होगी भर्ती
वहीं जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि कुलदीप पाकड़ के जाने के बाद दोबारा से सिविल डिफेंस की भर्ती शुरू होगी। शाहदरा जिले को 1735 सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स डीटीसी को देने है, यह डीटीसी में मार्शल तैनात होंगे। जिलाधिकारी द्वारा अगर धांधली न की गई होती तो कब की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी होती। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से लेकर पूरा मंत्री मंडल जिलाधिकारी के द्वारा किए गए कार्य से नाराज़ था, क्योंकि विपक्ष इस मसले पर सरकार पर भरष्टाचार का आरोप लगाकर घेर रहा था।
जांच रिपोर्ट के बाद हुआ तबादला
शाहदरा जिले में सिविल डिफेंस वालंटियर भर्ती में हुई धांधली की जांच की शुरुआती रिपोर्ट शुक्रवार को डिविजनल कमिश्नर राजीव वर्मा ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को सौंप दी थी। इसके बाद ही आशंका व्यक्त की जा रही थी कि इस रिपोर्ट के बाद कुलदीप पाकड़ की छुट्टी तय है। उन पर कभी भी विभागीय कार्रवाई हो सकती है। उधर, नंद नगरी स्थित जिलाधिकारी कार्यालय में सुबह से वालंटियर भर्ती का विषय काफी चर्चित रहा, अधिकारी से लेकर कर्मचारियों तक की जबान पर सिर्फ यही चर्चा रही।
एक शख्स ने की थी उपराज्यपाल से शिकायत
बता दें करोल बाग में रहने वाले एक शख्स ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर उपराज्यपाल से लिखित शिकायत की थी कि जिलाधिकारी कुलदीप पाकड़ ने राष्ट्रीय अवकाश वाले दिन भी जिलाधिकारी कार्यालय में बना आधार कार्ड खुलवाया और राजस्थान के करीब 250 लोगों के घर के पते अपने लेटर पेड पर गारंटी लेकर बदलवाए।
जिलाधिकारी खुद राजस्थान से हैं और इन लोगों को सिविलि डिफेंस में भर्ती करने के लिए राजस्थान से बुलवाया गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि यह सभी लोग मीणा जाति से संबंध रखते हैं और जिलाधिकारी भी इसी जाति से हैं। वहीं, इन लोगों को वालंटियर के लिए पंजीकृत करने से पहले ही इनकी ट्रेनिंग 16 अगस्त को करवाकर प्रमाण पत्र भी सौंप दिए गए।
शिकायत पर लगी भर्ती पर रोक
22 अगस्त को इनका साक्षात्कार होना था। लेकिन शिकायत मिलते ही 21 अगस्त को डिविजनल कमिश्नर ने इसपर रोक लगा दी थी। इन सिविलि डिफेंस वालंटियर को डीटीसी की बसों में मार्शल रखा जाना था। प्रशासन के सूत्रों के अनुसार इस मामले में हुई धांधली की एक जांच डिविजनल कमिश्नर खुद कर रहे थे, उन्होंने शिकायतकर्ता से कुछ सुबूत भी लिए थे। उसकी जांच करने के बाद उन्होंने एक सप्ताह के बाद अपनी शुरुआती रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपी।
कमिश्नर ने मामले को लिया गंभीरता से
उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जिलाधिकारी ने दो लोगों के पते अपने लेटर हेड पर गारंटी लेकर बदलवाए हैं, वह दोनों की मीणा जाति से हैं। लेकिन उन्होंने अपनी रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं बताया कि जिलाधिकारी ने भर्ती में धांधली की है या नहीं। या उन्होंने कितने लोगों के पते आधार कार्ड में बदलवाए। इस बात का भी जिक्र नहीं किया गया है कि वालंटियर का पंजीकरण करवाने से पहले ट्रेनिंग करवा सकते हैं या नहीं। सूत्रों का कहना है कि कमिश्नर ने कहा कि आगे भी इस मामले की जांच होनी चाहिए। कमिश्नर ने सिर्फ उनकी कागजात पर जांच की जो शिकायतकर्ता ने उन्हें सौंपे थे।
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