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दिल्ली दंगा मामले में पहली बार बड़ी कार्रवाई, शाहदरा के ACP आपरेशन पर गिरी गाज; किया गया डिमोशन

दिल्ली पुलिस ने दंगे के मामले में पहली बार अपने ही विभाग के एसीपी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। शाहदरा जिले के एसीपी आपरेशन संजीव कुमार को विभाग ने एसीपी के पद से हटाकर वापस इंस्पेक्टर बना दिया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 10:01 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 05:07 AM (IST)
दिल्ली दंगा मामले में पहली बार बड़ी कार्रवाई, शाहदरा के ACP आपरेशन पर गिरी गाज; किया गया डिमोशन
पुलिस ने एक ही शख्स को एक ही मुकदमें में आरोपित और पीड़ित बना दिया था

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली दंगा हुए एक साल से ज्यादा हो गया। दिल्ली पुलिस इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। दिल्ली पुलिस ने दंगे के मामले में पहली बार अपने ही विभाग के एसीपी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। शाहदरा जिले के एसीपी आपरेशन संजीव कुमार को विभाग ने एसीपी के पद से हटाकर वापस इंस्पेक्टर बना दिया है। यानी संजीव कुमार का डिमोशन कर दिया गया है। दंगे के दौरान संजीव कुमार करावल नगर के थानाध्यक्ष थे, उस वक्त दंगाइयों ने शिव विहार इलाके में एक धार्मिक स्थल और आसपास के घरों को जला दिया था। पलिस ने इस मामले में एक ही मुकदमा दर्ज किया था, इसमें एक शख्स को आरोपित और पीड़ित दोनों बना दिया था। यह मामला कड़कड़डूमा कोर्ट में विचाराधीन है।

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विभाग ने जो आदेश जारी किया है, उसमें इस बात का जिक्र नहीं है कि उनके खिलाफ कार्रवाई किस मामले में की गई। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी इस मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। दंगा थमने के कुछ वक्त बाद ही संजीव कुमार को पदोन्नत करके इंस्पेक्टर से एसीपी बनाया गया था।

यह है मामला

शिव विहार निवासी हाजी हाशिम नाम के शख्स का दंगे में घर जल गया था। उसी क्षेत्र में धार्मिक स्थल के अलावा कई अन्य घरों में भी दंगाइयों ने आग लगा दी थी। हाजी हाशिम ने पुलिस को अपना घर जलने की शिकायत दी थी। पुलिस ने सभी घटनाओं को साथ जोड़ कर एक मुकदमा दर्ज किया था। जिसमें हाशिम को पीड़ित और आरोपित दोनों बना दिया। माना जा रहा है, इसी मामले पर विभाग ने एसीपी के खिलाफ कार्रवाई की है। हाशिम इस मामले को लेकर कड़कड़डूमा कोर्ट गए थे। उनका यह मामला विचाराधीन है।

इसके अलावा हाशिम ने धार्मिक स्थल में आगजनी के मामले में अलग मुकदमा दर्ज कर जांच करने की मांग करते हुए कोर्ट में अर्जी दायर की थी। अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी के कोर्ट ने इस मामले में अलग से मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ पुलिस ने सत्र न्यायालय का रुख किया था।

सत्र न्यायालय ने अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी के कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। बाद में अचानक पुलिस ने बताया कि इस मामले में घटना के अगले ही दिन अलग से एफआइआर भी की गई थी। जिसका जिक्र पुलिस ने पहले कभी नहीं किया था। इस पर पुलिस को सत्र न्यायालय ने काफी फटकार लगाई थी। यह मामला भी फिलहाल विचाराधीन है।


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