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फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से ठगी करने वाले सात गिरफ्तार, 500 से अधिक लोगों से कर चुके हैं ठगी

छानबीन में पता चला कि मोबाइल कंपनी के प्रमोटर पवन मित्तल द्वारा फर्जी नाम अौर पते पर जारी किए गए सिम से ठगी की गई है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 11:29 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 11:29 PM (IST)
फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से ठगी करने वाले सात गिरफ्तार, 500 से अधिक लोगों से कर चुके हैं ठगी
फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से ठगी करने वाले सात गिरफ्तार, 500 से अधिक लोगों से कर चुके हैं ठगी

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से ठगी करने वाले सात लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपित 500 से अधिक लोगों से ढाई करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। एक बड़ी कंपनी का प्रतिनिधि बन अाकर्षक दर पर लोन दिलाने का झांसा देकर ठग लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। बाद में वे उनसे प्रोसेसिंग फीस अौर जीएसटी इत्यादि के नाम पर लाखों रुपये ठग लेते थे। अारोपितों की पहचान इरफान सैफी, विशाल तिवारी, विधाता, अमित कुमार, पवन मित्तल, ज्ञान सिंह अौर अार मोहम्मद के रूप में हुई है। इरफान सैफी गिरोह का सरगना है। वह एक मोबाइल कंपनी के प्रमोटर पवन मित्तल के साथ मिलकर विदेशी व्यक्ति के नाम पर नकली सिम कार्ड निकलवाता था। बाद में इस सिम द्वारा कॉल सेंटर से लोगों को ठगने के लिए फोन किया जाता था।

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पर्सनल लोन दिलाने की कही थी बात

साइबर सेल के डीसीपी अन्येष रॉय ने बताया कि पवन कुमार नाम के व्यक्ति ने ठगी की शिकायत पुलिस में की थी। उन्होंने बताया कि रिलायंस कैपिटल का अधिकारी बता एक शख्स ने उन्हें फोन कर पर्सनल लोन दिलाने की बात कही थी। उसने आकर्षक दर पर लोन देने का वादा किया था। बाद में उसने प्रोसेसिंग फीस और अन्य बहाने से दो लाख रुपये ले लिए। इस दौरान उसने रिलायंस कैपिटल के नाम का फर्जी मेल भी भेजा था। रुपये लेने के बाद उसने फोन उठाना बंद कर दिया। उधर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू की। एसआई सुनील अौर विजेंदर की टीम ने पीड़ित के पास अाए मोबाइल नंबर सहित मेल की तकनीकी जांच शुरू की।

छानबीन में पता चला कि मोबाइल कंपनी के प्रमोटर पवन मित्तल द्वारा फर्जी नाम अौर पते पर जारी किए गए सिम से ठगी की गई है। जिसके बाद पवन व मास्टरमाइंड इरफान सैफी को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में पता चला कि इरफान रणहौला के विकास नगर में अपना फर्जी कॉल सेंटर खोल ठगी का रैकेट चला रहा था। बाद में अन्य अारोपितों को भी दबोच लिया गया।

बीमा कंपनी के लिए टेलीकॉलर का करता था काम

पूछताछ में पता चला कि इरफान सैफी पहले एक बीमा कंपनी के लिए टेलीकॉलर का काम करता था। बाद में उसने फर्जी कॉल सेंटर खोला था। वग लोगों को फंसाने के लिए रिलायंस कैपिटल के नाम पर सोशल मीडिया में विज्ञापन पोस्ट करता था। गिरोह के सदस्य महीने में करीब 25 लोगों को अपना शिकार बनाते थे। वे दो वर्ष से लोगों से ठगी कर रहे थे। अारोपित विशाल, विधाता और अमित स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं। कॉल सेंटर में काम करने वालों को एक तय वेतन के साथ ही कमीशन भी दिया जाता था।  


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