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जेएनयू इलेक्शनः छात्र संघ चुनाव में दिग्गजों का जमावड़ा, तीन राज्यों के CM पहुंचे

एबीवीपी की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में असम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर के मुख्यमंत्री शिरकत करने पहुंचे, हुआ विरोध।

By Amit SinghEdited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 01:14 PM (IST)Updated: Wed, 29 Aug 2018 01:14 PM (IST)
जेएनयू इलेक्शनः छात्र संघ चुनाव में दिग्गजों का जमावड़ा, तीन राज्यों के CM पहुंचे
जेएनयू इलेक्शनः छात्र संघ चुनाव में दिग्गजों का जमावड़ा, तीन राज्यों के CM पहुंचे

नई दिल्ली (राहुल मानव)। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ चुनाव में जीत हासिल करने के लिए एक ओर जहां छात्र संगठन और उनके प्रत्याशी पूरा जोर लगाए हुए हैं, वहीं जिन राजनीतिक दलों से ये छात्र संगठन जुड़े हैं, उनके नेता भी प्रचार के लिए जेएनयू छात्रों के बीच पहुंचने लगे हैं।

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भाजपा से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की तरफ से मंगलवार रात कोयना छात्रवास में आयोजित पब्लिक टॉक कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पहुंचे थे। हालांकि, तीनों ही मुख्यमंत्रियों को वाम दलों से जुड़े छात्र संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ा।

विरोध कर रहे छात्र संगठन के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने असम में एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) के विरोध में मुख्यमंत्रियों के खिलाफ नारेबाजी भी की। वहीं, जेएनयू में पढ़ने वाले पूवरेत्तर राज्यों के छात्रों ने कहा कि वह मुख्यमंत्रियों से मिलकर अपनी बात कहना चाहते थे, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया।

उधर, एबीवीपी की जेएनयू इकाई के अध्यक्ष विजय कुमार ने बताया कि तीनों मुख्यमंत्रियों का कार्यक्रम 15 दिन पहले ही तय कर लिया गया था। यह राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था। इसमें कई अहम मुद्दों पर मुख्यमंत्रियों के साथ छात्रों ने चर्चा की। विरोधी छात्र संगठन एनआरसी के मुद्दे पर छात्रों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

वहीं, कांग्रेस से जुड़े छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) की तरफ से ताप्ती छात्रवास में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम शिरकत करने पहुंचे थे। एनएसयूआइ की जेएनयू इकाई के प्रभारी सन्नी मेहता ने बताया कि यह एक सार्वजनिक कार्यक्रम था, जिसमें चिदंबरम ने मोदी राज में लोकतंत्र एक मिथक विषय पर छात्रों के साथ चर्चा की। उन्होंने बताया कि इससे पहले 22 अगस्त को आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद को बुलाया गया था। उन्होंने छात्रों से उदारवाद के मुद्दे पर चर्चा की थी। इसके अलावा छात्रों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए वाम दलों से जुड़े छात्र संगठन भी अपने बड़े नेताओं को जेएनयू बुला रहे हैं। वाम दलों से जुड़े छात्र संगठनों द्वारा दो दिन पहले आयोजित हुए कार्यक्रम में भाकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने शिरकत की थी।

जेएनयू छात्रसंघ का चुनाव 14 सितंबर को

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के लिए प्रेसिडेंशियल डिबेट और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव इस बार एक ही दिन होंगे। 12 सितंबर को सुबह जहां डूसू चुनाव के लिए मतदान होगा, वहीं रात 9 बजे के बाद जेएनयू कैंपस में प्रेसिडेंशियल डिबेट शुरू होगी। हालांकि, जेएनयूएसयू का चुनाव 14 सितंबर को होगा और 16 सितंबर को परिणाम घोषित होंगे। जेएनयू छात्रसंघ चुनाव समिति के मुख्य चुनाव अधिकारी हिमांशु कुलश्रेष्ठ ने कहा कि छात्र संगठनों को मशाल रैली निकालने के लिए चुनाव समिति से अनुमति लेनी होगी। चुनावी घोषणापत्र छात्रों को मुहैया कराने से पहले उसकी प्रति समिति के पास जमा करवानी होगी।


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