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दिवाली में नहीं मिला विपक्ष का दिल, CM के मिलन समारोह का विपक्ष ने किया बहिष्कार

मुख्यमंत्री की ओर से आयोजित दिवाली मिलन समारोह में देखने को मिला, जिसका भाजपा विधायकों ने बहिष्कार कर दिया।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 15 Oct 2017 03:09 PM (IST)Updated: Sun, 15 Oct 2017 10:01 PM (IST)
दिवाली में नहीं मिला विपक्ष का दिल, CM के मिलन समारोह का विपक्ष ने किया बहिष्कार
दिवाली में नहीं मिला विपक्ष का दिल, CM के मिलन समारोह का विपक्ष ने किया बहिष्कार

नई दिल्ली [ संतोष कुमार सिंह ] । त्योहारों के मौके पर आपसी कड़वाहट भूलकर लोग एक दूसरे के गले मिलते हैं। सियासतदां भी इस अवसर पर सियासी बंधन तोड़कर त्योहार के रंग में सराबोर हो जाते हैं। विरोधी दल के नेताओं के आयोजित कार्यक्रमों में दिल खोलकर शामिल होते हैं, लेकिन दिल्ली की सियासत से त्योहारों की यह मिठास गायब होने लगी है।

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सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तल्खी का आलम यह है कि अब इस दीपावली में भी उनके दिल नहीं मिल रहे हैं। इसका नजारा शनिवार को मुख्यमंत्री की ओर से आयोजित दिवाली मिलन समारोह में देखने को मिला, जिसका भाजपा विधायकों ने बहिष्कार कर दिया।

सरकार और भाजपा विधायकों के बीच तल्ख रिश्ते जगजाहिर है। अक्सर दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहता है, लेकिन इन दिनों संबंध ज्यादा ही बिगड़ गए हैैं। अतिथि शिक्षकों को नियमित करने के लिए हाल ही में आहूत विधानसभा के विशेष सत्र में जिस तरह से दोनों पक्षों के बीच तीखी नोंक झोक हुई इससे सरकार व विपक्ष के बीच की खाई ज्यादा चौड़ी हो गई है।

विपक्षी विधायकों ने सीधे मुख्यमंत्री के व्यवहार पर प्रश्न चिह्न लगा दिया। मुख्यमंत्री पर सदन में अमर्यादित भाषा के प्रयोग का आरोप लगाते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल से भी इसकी शिकायत की है।
मुख्यमंत्री और सत्ता पक्ष के अन्य विधायकों के व्यवहार से नाराज होकर ही भाजपा के चारों विधायक मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। इससे स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में लड़ाई और बढ़ेगी।

इसे लेकर भाजपा-अकाली गठबंधन के विधायक विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट भी किया। उनका कहना है कि दिल्ली के लोगों की खुशियां छिनने वाले मुख्यमंत्री के दिवाली कार्यक्रम में जाने का कोई औचित्य नहीं है।

दिल्ली सरकार की वजह से मेट्रो का किराया बढ़ा और पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा। गरीबों को मकान और बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल रहा है। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री की खुशियों में शामिल होना, दिल्ली की परेशान जनता के जले पर नमक छिड़कना है।

वहीं, दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस बारे में कहा कि जिसे न जनता की परवाह है और न विपक्ष के विधायकों के मान सम्मान का ख्याल है उसके साथ दिवाली की खुशियां बांटने का कोई औचित्य नहीं है।

 


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