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ग्रेटर नोएडा हादसाः 9 लोगों की मौत के बाद शाहबेरी में अवैध इमारतों की सीलिंग शुरू

प्राधिकरण की टीम ने जांच के बाद तीन दर्जन भवनों पर चस्पा किया नोटिस। जल्द बाकी खतरनाक भवनों की भी शुरू होगी सीलिंग।

By Amit SinghEdited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 10:22 AM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 12:31 PM (IST)
ग्रेटर नोएडा हादसाः 9 लोगों की मौत के बाद शाहबेरी में अवैध इमारतों की सीलिंग शुरू
ग्रेटर नोएडा हादसाः 9 लोगों की मौत के बाद शाहबेरी में अवैध इमारतों की सीलिंग शुरू

नोएडा (जेएनएन)। दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में निर्माणाधीन भवन गिरने से 9 लोगों की मौत के बाद प्राधिकरण की आंख खुल गई है। हादसे के बाद तेजी दिखाते हुए प्राधिकरण टीम ने शनिवार को शाहबेरी का दौरा कर अवैध रूप से बने कमजोर भवनों का निरीक्षण किया। भवन में रहने वालों को घर खाली करने का नोटिस दिया गया। टीम ने एक भवन सील कर दिया। साथ ही तीन दर्जन भवनों में सीलिंग का नोटिस चस्पा किया गया।

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लोगों से अपील की गई है कि वह इन भवनों को तुरंत खाली कर दें। घटना स्थल के आस-पास बन रहे निर्माणाधीन भवनों में रहने वाले मजदूर परिवारों को भी सुरक्षा के लिहाज से वहां से हटा दिया गया है। टीम द्वारा जल्द ही कुछ अन्य भवनों पर भी सीलिंग की कार्रवाई की जा सकती है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक डोरी लाल वर्मा के नेतृत्व में प्राधिकरण टीम शनिवार को शाहबेरी गांव पहुंची। टीम को देखकर गांव में खलबली मच गई। टीम ने मैप के आधार पर पूरे गांव का निरीक्षण किया। गांव की गली-गली में बनी ऊंची-ऊंची इमारतों को देखकर टीम भौंचक रह गई। टीम ने यह देखा कि भवनों को किस प्रकार से बनाया गया है। भवन कितने मंजिल हैं। उनके पिलर कितने मजबूत हैं। नाली, पानी निकासी आदि की क्या व्यवस्था है।

टीम ने भवनों के जर्जर होने का भी आंकलन भी किया। टीम ने पाया कि सात-सात मंजिला भवनों को बिना मजबूती के ही बना दिया गया है। जांच में कई भवन ऐसे भी मिले जो सात से आठ फीट बाहर निकले छज्जे पर बनाए गए थे। टीम ने गांव में बनी जेपी हाइट्स बिल्डिंग का भी गहनता से निरीक्षण किया। जांच में टीम ने पाया कि बिल्डिंग के पिलर कमजोर हैं। इस कारण पिलर कुछ माह से फट रहे थे। उसे छिपाने के लिए बिल्डर ने पिलर के चारों तरफ लोहे की मोटी चादर लगा दी थी।

इस सात मंजिला बिल्डंग में 42 फ्लैट थे। फ्लैट से पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं मिली। बारिश व गंदा पानी बेसमेंट में ही भर रहा था। भवन में कुछ स्थानों पर दरार भी मिली। जांच के दौरान टीम ने पाया कि बिल्डिंग एक तरफ थोड़ी सी झुक गई है। आशंका जताई कि बिल्डिंग कभी भी गिर सकती है। टीम ने पाया कि बिल्डिंग के दूसरे तल पर सगे भाई वीरेंद्र व जितेंद्र का परिवार रह रहा है। टीम ने उन्हें 24 घंटे में फ्लैट खाली करने का नोटिस दिया है।

नोटिस की कॉपी बिल्डिंग पर भी चस्पा कर दी गई है। साथ ही बिल्डिंग को आंशिक रूप से सील किया गया है। परिवार द्वारा फ्लैट खाली करने पर बिल्डिंग को पूरी तरह सील कर दिया जाएगा। भवन की हालत देखकर टीम ने अप्रिय घटना होने की आशंका जताई है।

परिवार पर पड़ी मार

जेपी हाइट्स बिल्डिंग में रहने वाले वीरेंद्र व जितेंद्र भाई हैं। मई में वह फ्लैट में रहने के लिए आए थे। नोटिस मिलने के बाद उनके सामने आगे कूंआ पीछे खाई की स्थिति हो गई है। वीरेंद्र व जितेंद्र का कहना है 22 लाख रुपये में फ्लैट खरीदा है। जब बिल्डिंग का निर्माण हो रहा था प्राधिकरण को तभी कार्रवाई करनी चाहिए थी

28 जुलाई तक मांगी रिपोर्ट

शाहबेरी घटना की जांच अपर जिला मजिस्ट्रेट कुमार विनीत कर रहे हैं। उन्होंने आम लोगों से भी सहयोग मांगा है। अपील की है कि यदि आम लोगों के पास अवैध निर्माण का कोई साक्ष्य है तो पेश करें। साथ ही ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण, पुलिस, राजस्व, श्रम विभाग, कारखाना, सब रजिस्ट्रार, अपर जिलाधिकारी भूलेख सहित अन्य विभागों से 28 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी है जिससे जांच पूरी की जा सके।


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