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कोरोना वायरस वैक्सीन पर अफवाहों का बाजार गरम, वैज्ञानियों ने दिया ऐसे जवाब

विशेषज्ञ कहते हैं कि जो वैक्सीन कई दशक से प्रचलन में हैं उन्हें लगवाने पर भी हल्का बुखार व दर्द होता है। इससे यह पता चलता है कि वैक्सीन ने अपना काम करना शुरू कर दिया है। इसलिए कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद यदि ऐसा हो तो परेशान न हों।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 01:15 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 01:15 PM (IST)
कोरोना वायरस वैक्सीन पर अफवाहों का बाजार गरम, वैज्ञानियों ने दिया ऐसे जवाब
कोरोना के बाद अब इस नए फ्लू ने भी दुकानदारी पर एक बार फिर संकट खड़ा कर दिया है।

नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। कोरोना वैक्सीन अभी लोगों को लगनी शुरू नहीं हुई है, लेकिन इसको लेकर राजनीति के साथ ही अफवाहों का बाजार भी गरम है। महामारी एक्ट का हवाला देते हुए विशेषज्ञों ने अफवाहों से दूर रहने की सलाह दी है। इसके बावजूद खुराफाती लोग इंटरनेट मीडिया में ये अफवाहें फैला रहे हैं कि वैक्सीन का असर कोरोना से भी घातक होगा। ये वैक्सीन जल्दबाजी में बनाई गई है, इसलिए सुरक्षित नहीं है। वैक्सीन लगने के बाद मास्क लगाने की जरूरत नहीं होगी। वैक्सीन को आबादी कम करने के लिए बनाया गया है। इसकी बस एक डोज ही काफी है... आदि। हालांकि विशेषज्ञ कहते हैं कि जो वैक्सीन कई दशक से प्रचलन में हैं उन्हें लगवाने पर भी हल्का बुखार व दर्द होता है। इससे यह पता चलता है कि वैक्सीन ने अपना काम करना शुरू कर दिया है। इसलिए कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद यदि ऐसा हो तो परेशान न हों।

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फिर खतरे में नानवेज की दुकानदारी

कोरोना लाकडाउन के कारण बंद हुई दुकानदारी अभी कुछ ही दिन पहले दोबारा शुरू हो पाई थी कि बर्ड फ्लू के रूप में नई मुसीबत सामने आ गई है। देश के कई राज्यों में फैले बर्ड फ्लू के कारण अब लोग नानवेज खासकर चिकन, अंडा व मछली खाने से परहेज करने लगे हैं। ऐसे में नानवेज की दुकान चलाने वालों की परेशानी एक बार फिर से बढ़ गई है। दुकानदारों का कहना है कि कोरोना के बाद अब इस नए फ्लू ने भी दुकानदारी पर एक बार फिर संकट खड़ा कर दिया है। वहीं, खाने-पीने की उन दुकानों पर जाने में भी लोग हिचक रहे हैं जहां शाकाहारी के साथ ही मांसाहारी भोजन भी मिलता है। लोगों का कहना है कि उन्हें इतना डर तो कोरोना संक्रमण से भी नहीं लगा था जितना इस नई बीमारी से लग रहा है। अब ऐसे में सबसे ज्यादा परेशान ये दुकानदार हो रहे हैं।

जेएनयू में फिर शुरू हुआ प्रदर्शन-प्रदर्शनी का दौर

कोरोना संक्रमण के कारण कई माह से बंद जेएनयू परिसर खुल गया है, लेकिन शैक्षिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ सकें, उससे पहले ही धरना-प्रदर्शन ने अपनी बढ़त बना ली है। छात्र कभी ढाबा खोलने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं तो कभी मेस और सेंट्रल लाइब्रेरी खोलने की मांग को लेकर। यहां पिछले साल हुई ¨हसा को एक साल पूरा होने पर भी इन्होंने प्रदर्शन करने का अवसर नहीं गंवाया। इस मुद्दे पर एबीवीपी ने फोटो प्रदर्शनी लगाई। इसमें पिछले साल हुई हिंसा से संबंधित फोटो प्रदर्शित किए गए, वहीं इसके जवाब में वामपंथी संगठनों के छात्रों ने अगले ही दिन विरोध प्रदर्शन आयोजित कर डाला। इस दौरान दोनों पक्ष एक-दूसरे पर हिंसा करने का आरोप लगाते रहे। हालांकि इस प्रदर्शन-प्रदर्शनी से सबसे ज्यादा नुकसान विवि के उन आम छात्र-छात्राओं का हो रहा है जो यहां पढ़ाई करने के मकसद से आते हैं।

विधायक फंड से करवा रहे निगम के काम

आम आदमी पार्टी आगामी नगर निगम चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए पूरी तरह से जुट गई है। शायद इसीलिए आप विधायकों व भाजपा के निगम पार्षदों में विकास कार्यो को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। ग्रेटर कैलाश विधानसभा क्षेत्र में आजकल यह खूब नजर आ रहा है। यहां से आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने सीआर पार्क वार्ड में हाई मास्ट स्ट्रीट लाइटें लगवाई हैं, लेकिन विधायक लोगों को यह बताना नहीं भूले कि यह काम नगर निगम को करवाना चाहिए था। निगम ने नहीं कराया तो उन्होंने विधायक फंड से काम करवाया है। विधायक ने इन हाई मास्ट लाइटों के बारे में किए अपने फेसबुक पोस्ट में भी स्पष्ट लिखा है कि क्षेत्र में बहुत से काम हैं जो निगम को करवाना चाहिए थे, जो नहीं करवाए गए। इसलिए जनता के हित के लिए वे खुद अपने फंड से उन कामों को करवा रहे हैं।

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