एआई तकनीक का इस्तेमाल कर मधुमेह की निगरानी के लिए वैज्ञानिकों का प्रयोग
एआई पहनने वाले के ग्लूकोज पैटर्न से सीखता है। यह प्रक्रिया आपको उंगली चुभन या प्रॉब की आवश्यकता को समाप्त करता है। बार-बार ग्लूकोज जांच करने के बजाय चौबीसों घंटे की निगरानी प्रदान करता है। साथ ही पहनने में आरामदायक और दैनिक जीवन में आसानी से एकीकृत होता है। ये स्मार्ट कॉन्टैक्ट लेंस आईओपी मापन भी प्रदान करते हैं जो ग्लूकोमा की पहचान के लिए महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली। तकनीक के क्षेत्र में रोजाना नए इनोवेशन हो रहे हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो रहे रचनात्मक प्रयोग लोगों की सेहत सुधारने के लिहाज से काफी प्रभावकारी साबित हो रहे हैं। वरिष्ठ शोधकर्ता और डेटा इंजीनियर साई तेजा बोप्पिनिटी ने ऐसे स्मॉर्ट कांटेक्ट लैंस बनाए हैं, जो स्वास्थ्य ट्रैकिंग के लिए एम्बेडेड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करते हैं। इनके माध्यम से ग्लूकोज की लगातार निगरानी भी की जा सकेगी। इसके साथ ही अंगुलि में सुई चुभाने की प्रक्रिया से भी छुटकारा मिल सकेगा।
कैसे करता है काम
ग्लूकोज बायोसेंसर इलेक्ट्रोकेमिकल प्रतिक्रियाओं के माध्यम से कार्य करते हैं। जब आंसू तरल में ग्लूकोज एक एंजाइम जैसे ग्लूकोज ऑक्सीडेज के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो यह ग्लूकोज की सांद्रता के समानुपाती एक इलेक्ट्रिकल सिग्नल उत्पन्न करता है। इस सिग्नल को वास्तविक समय के ग्लूकोज डेटा प्रदान करने के लिए प्रोसेस किया जाता है, जो पूरे दिन रक्त शर्करा स्तरों में उतार-चढ़ाव के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देता है।
"ग्लूकोज मॉनिटरिंग की निरंतर प्रकृति रोगियों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को ग्लूकोज स्तर में होने वाले बदलाव के बारे में जानकारी देती है, जिससे हाइपरग्लाइसीमिया या हाइपोग्लाइसीमिया के पैटर्न की पहचान होती है। उन्नत एल्गोरिदम का उपयोग करते हुए, एआई वास्तविक समय में ग्लूकोज डेटा का विश्लेषण कर सकता है, संभावित हाइपोग्लाइसीमिक एपिसोड की भविष्यवाणी कर सकता है और पहनने वाले को पूर्व चेतावनी भेज सकता है। इससे गंभीर हाइपोग्लाइसीमिया के जोखिम को काफी किया जा सकता है। इसके अलावा, एआई पहनने वाले के ग्लूकोज पैटर्न से सीखता है। बोप्पिनिटी कहते हैं कि यह प्रक्रिया आपको उंगली चुभन या प्रॉब की आवश्यकता को समाप्त करता है। बार-बार ग्लूकोज जांच करने के बजाय चौबीसों घंटे की निगरानी प्रदान करता है। साथ ही पहनने में आरामदायक और दैनिक जीवन में आसानी से एकीकृत होता है।
ग्लूकोज मॉनिटरिंग के अलावा, ये स्मार्ट कॉन्टैक्ट लेंस आईओपी मापन भी प्रदान करते हैं, जो ग्लूकोमा की पहचान और प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है।
स्मार्ट लेंस में दबाव-संवेदनशील सेंसर होते हैं जो आंख के वक्रता में बदलाव या कॉर्निया की खिंचाव में भिन्नता का पता लगाकर आईओपी को मापते हैं। ये सेंसर, अक्सर माइक्रो-इलेक्ट्रोमैकेनिकल सिस्टम (MEMS) का उपयोग करते हैं।