Move to Jagran APP

स्कूलों ने 10 साल पहले वसूली थी ज्यादा फीस, अब 9 फीसद ब्याज सहित लौटाना होगा

निजी स्कूलों के खाते की जांच के लिए हाई कोर्ट ने कमेटी गठित की थी। कमेटी ने जून 2016 से अप्रैल 2018 तक 1182 निजी स्कूलों की जांच के बाद रिपोर्ट दी है।

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 24 Aug 2018 05:58 PM (IST)Updated: Fri, 24 Aug 2018 05:58 PM (IST)
स्कूलों ने 10 साल पहले वसूली थी ज्यादा फीस, अब 9 फीसद ब्याज सहित लौटाना होगा
स्कूलों ने 10 साल पहले वसूली थी ज्यादा फीस, अब 9 फीसद ब्याज सहित लौटाना होगा

नई दिल्ली (मनोज भट्ट)। शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों को छठा वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के नाम पर अभिभावकों से वसूली गई अतिरिक्त फीस 9 फीसद ब्याज के साथ लौटाने को कहा है। शिक्षा निदेशालय की निजी स्कूल ब्रांच ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा गठित न्यायमूर्ति अनिल देव सिंह कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर यह आदेश जारी किया है। ब्याज सहित फीस वापस करने के लिए स्कूलों को सात दिन का समय दिया गया है।

loksabha election banner

निदेशालय ने मंगलवार को आदेश जारी कर कहा है कि अभिभावकों से वसूली गई अतिरिक्त फीस के बाद निजी स्कूलों के खाते व रिकार्ड की जांच के लिए हाई कोर्ट के आदेश पर न्यायमूर्ति अनिल देव सिंह के नेतृत्व में कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने जून 2016 से अप्रैल 2018 तक कुल 1182 निजी स्कूलों के खातों व रिकार्ड की जांच के बाद 10 अंतरिम रिपोर्ट दी हैं। कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार पांच स्कूलों को 9 फीसद ब्याज के साथ अभिभावकों को अतिरिक्त फीस लौटानी है।

कमेटी के सुझाव पर अमल नहीं करने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निदेशालय ने इन स्कूलों को निर्देशित किया है कि वे अपने शिक्षकों के वेतन का अनुपालन दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट 1973 के तहत करें।

दिल्ली के निजी स्कूलों ने एक दशक पहले छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए अभिभावकों से अतिरिक्त फीस वसूली थी। इसके खिलाफ अभिभावक संघ ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामले की जांच के लिए अदालत ने 2009 में न्यायमूर्ति अनिल देव सिंह की कमेटी गठित की थी। कमेटी ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के नाम पर स्कूलों द्वारा अतिरिक्त फीस वसूलने की शिकायतों को सही पाया था।

कमेटी ने रिपोर्ट में अतिरिक्त फीस वापस करने का सुझाव दिया था। लंबे समय से इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई लंबित पड़ी हुई थी। पिछले वर्ष जब हाई कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए शिक्षा निदेशालय से जवाब-तलब किया तो दिल्ली सरकार ने भी रवैया सख्त करते हुए अतिरिक्त फीस वापस नहीं करने वाले 449 निजी स्कूलों के अधिग्रहण की बात कही। इसके बाद बड़ी संख्या में स्कूल अदालत में वसूली गई बढ़ी फीस जमा करा चुके हैं या अभिभावकों को वापस कर चुके हैं।

इन स्कूलों को लौटानी है फीस

- समरविले स्कूल, वसुंधरा एंक्लेव

- भारती पब्लिक स्कूल, कोंडली

- संत निरंकारी पब्लिक स्कूल, निरंकारी कॉलोनी

- वीएसपीके इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर 13 रोहिणी

- दि मदर्स इंटरनेशनल, अरबिंदो मार्ग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.