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Delhi School Reopen: बोर्ड परीक्षाओं के चलते सभी छात्रों को स्कूल बुलाने के लिए नहीं तैयार हैं स्कूल

राजधानी में 29 नवंबर से सभी कक्षाओं के लिए स्कूल खोले जाएंगे। निजी और सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों के समक्ष ऐसे में फिलहाल छात्रों को बुलाने से ज्यादा कक्षाओं में बैठाने और शारीरिक दूरी को बनाए रखने की समस्या है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 05:46 PM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 05:46 PM (IST)
Delhi School Reopen: बोर्ड परीक्षाओं के चलते सभी छात्रों को स्कूल बुलाने के लिए नहीं तैयार हैं स्कूल
सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य के मुताबिक स्कूल में 10वीं और 12वीं के छात्रों का बोर्ड सेंटर भी हैं।

नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। राजधानी में 29 नवंबर से सभी कक्षाओं के लिए स्कूल खोले जाएंगे। निजी और सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों के समक्ष ऐसे में फिलहाल छात्रों को बुलाने से ज्यादा कक्षाओं में बैठाने और शारीरिक दूरी को बनाए रखने की समस्या है। प्रधानाचार्यों के मुताबिक वो फिलहाल छात्रों को स्कूल बुलाने के लिए तैयार नहीं हैं।

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जामा मस्जिद स्थित एक सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य के मुताबिक स्कूल में 10वीं और 12वीं के छात्रों का बोर्ड सेंटर भी हैं। एक दिसंबर से सभी सरकारी स्कूलों में नौवीं और 11वीं की मिड टर्म-1 की परीक्षाएं भी शुरू होनी हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड की परीक्षा सुबह शुरू होगी। वहीं, नौवीं और 11वीं के सुबह की पाली के छात्रों की परीक्षा दोपहर में होगी और शाम की पाली के छात्रों की परीक्षा शाम को होगी। इसके अलावा ज्यादातर शिक्षक कोरोना ड्यूटी में तैनात हैं। स्कूल खोले जाने पर बाकी कक्षाओं के छात्रों को बैठाने और उनकी आफलाइन के साथ आनलाइन कक्षाओं के लिए शिक्षकों की व्यवस्था करना बड़ी चुनौती है।

वहीं, मयूर विहार स्थित एवरग्रीन स्कूल की प्रधानाचार्या प्रियंका गुलाटी ने कहा कि बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित हो रही हैं। ऐसे में पहले तो अभिभावकों से छात्रों को स्कूल भेजने की अनुमति ली जाएगी फिर ही छात्रों को स्कूल बुलाने पर विचार किया जाएगा। उनके मुताबिक दिसंबर के दूसरे सप्ताह से सभी कक्षाओं के छात्रों को स्कूल बुलाने पर कोई फैसला लिया जा सकता है।

रोहिणी स्थित माउंट आबू स्कूल की प्रधानाचार्या ज्योति अरोड़ा के मुताबिक छात्रों को अलग-अलग ग्रुपों में बुलाए जाने की योजना है। पहले उच्च माध्यमिक फिर माध्यमिक और उसके बाद प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों को स्कूल बुलाया जा सकता है।

29 नवंबर से स्कूल खोलने का निर्णय एक बार फिर से जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है। अधिकतर अभिभावक इस निर्णय के विरोध में है, क्योंकि वायु प्रदूषण के साथ-साथ कोरोना भी अभी तक खत्म नहीं हुआ है।

इसके साथ ही अभिभावकों को राजस्थान, जयपुर, उड़ीसा और तेलंगाना में 100 से ज्यादा बच्चों के कोरोना संक्रमण की खबरें भी परेशान कर रही हैं। अगर सरकार कुछ दिन और रुककर स्कूलों को खोलने का निर्णय लेती है और साथ ही स्कूल बसों को भी चलाने का निर्णय लेती है तो ये हितकर होता।

अपराजिता गौतम, अध्यक्ष, दिल्ली अभिभावक संघ


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