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यमुना खादर के पास टैंट व पोर्टा कैबिन में चलेगा स्कूल, गरीब बच्‍चों के लिए शिक्षा की पहल

यमुना खादर झुग्गियों में जाकर निगम स्कूलों के शिक्षक निरीक्षण कर रहे हैं और बच्चों का डाटा इकट्ठा कर उनके अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक कर रहे हैं। प्रधानाचार्या ज्योत्स्ना शर्मा और शिक्षकों के दल ने अक्षरधाम मंदिर खेल गांव सोसाइटी के पीछे यमुना खादर में निरीक्षण किया।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 10:13 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 11:38 PM (IST)
यमुना खादर के पास टैंट व पोर्टा कैबिन में चलेगा स्कूल, गरीब बच्‍चों के लिए शिक्षा की पहल
स्‍कूल नहीं जाने वाले बच्‍चों की जानकारी जुटाते शिक्षण। फोटो- रितु राणा।

नई दिल्ली, रितु राणा। शिक्षा से वंचित बच्चों को स्कूलों से जोड़ने के लिए निगम ने एक नई पहल की है। राजधानी में अब भी सैकड़ों ऐसे बच्चे हैं जो अब भी अपने शिक्षा के अधिकार से वंचित हैं। सरकारी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा सुविधा होने के बावजूद यमुना खादर स्थित झुग्गियों में रहने वाले सैकड़ों ऐसे बच्चे हैं जो स्कूल नहीं जाते और प्राथमिक शिक्षा से भी नहीं ले पाते। ऐसे में पूर्वी दिल्ली नगर निगम शिक्षा विभाग ने इन बच्चों की पहचान कर उन्हें शिक्षा दिलवाने की मुहिम छेड़ी है।

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यमुना खादर झुग्गियों में जाकर निगम स्कूलों के शिक्षक निरीक्षण कर रहे हैं और बच्चों का डाटा इकट्ठा कर उनके अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक कर रहे हैं। शनिवार को पांडव नगर स्थित निगम विद्यालय की प्रधानाचार्या ज्योत्स्ना शर्मा के नेतृत्व में शिक्षकों के एक दल ने अक्षरधाम मंदिर खेल गांव सोसाइटी के पीछे यमुना खादर में निरीक्षण किया। वहां जाकर बच्चों व उनके अभिभावकों को निगम स्कूल में दाखिला लेने के लिए प्रेरित किया। ज्योत्सना शर्मा ने बताया कि वहां तीन किलोमीटर के दायरे में तीन से 11 वर्ष की आयु वाले करीब 250 बच्चे मिले, जो स्कूल जाना चाहते हैं और उनके अभिभावक भी बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं लेकिन वहां से स्कूल तक पहुंचने के लिए कोई यातायात सुविधा नहीं है। अब स्कूल द्वारा इन बच्चों की जानकारी विभाग तक पहुंचाई जाएगी ताकि इन बच्चों को भी शिक्षा से जोड़ा जा सके।

पूर्वी दिल्ली शिक्षा समिति के चेयरमैन रोमेश चंद गुप्ता ने बताया कि उनका उद्देश्य है सभी बच्चों को निशुल्क शिक्षा का लाभ मिले। यमुना खादर में रह रहे खेतिहर किसान व मजदूरों के बच्चे स्कूलों में दाखिला नहीं ले पाते क्योंकि वहां से स्कूलों की दूरी अधिक है। वह लोग रोजाना अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने भी नहीं आ सकते क्योंकि उन्हें भी काम पर जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि अब विभाग के शिक्षकों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह यमुना खादर स्थित झुग्गियों में जाकर इस बात की जानकारी जुटाएं कि वहां कितनी दूरी पर व कितने बच्चे हैं। अगर एक किलोमीटर की दूरी पर 60-70 बच्चे मिल जाते हैं तो वहीं उनके पढ़ने की व्यवस्था की जाएगी। निगम द्वारा यमुना खादर के पास ही टैंट या पोटा कैबिन बनाकर स्कूल चलाया जाएगा। सिर्फ यातायात सुविधा न होने के कारण अब कोई बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा।

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