सीएम और डिप्टी सीएम से बच्चों ने फेसबुक पर किया सवाल, पूछा- क्या गर्मी की छुट्टी होंगी कम
सीएम से यह सवाल किया गया कि जब स्कूल बंद हैं तो स्कूल की फीस क्यों ली जा रही है। इस पर सीएम ने कहा कि शिक्षकों का घर कैसे चलेगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के मद्देनजर देशभर में जारी लॉकडाउन के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को विशेषज्ञों के साथ मिलकर दिल्ली के माता-पिता और बच्चों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से बातचीत की। इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि कोरोना के बारे में बच्चों के बहुत सारे सवाल हैं। माता-पिता को उन्हें कैसे संबोधित करना चाहिए इस बारे में वह विशेषज्ञों की राय जान सकते हैं।
बच्चों ने पूछा कि लॉकडाउन में स्कूल बंद होने के कारण गर्मियों की छुट्टियां कम तो नहीं हो जाएंगी? इस सवाल का जवाब देते हुए सिसोदिया ने कहा कि इस पर आगे के हालात, अभिभावकों और विशेषज्ञों की राय के अनुसार ही कोई अंतिम निर्णय लेंगे। हालांकि, अभी तक गर्मियों की छुट्टियां कम करने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। लॉकडाउन के दौरान स्कूल फीस माफ करने के सवालों पर कहा कि अगर फीस नहीं दी गई तो स्कूलों के सामने शिक्षकों को वेतन देने की समस्या आएगी। हालांकि इस पर केजरीवाल ने अभिभावकों से ही सुझाव मांगे हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में सिसोदिया ने कहा कि 9वीं व 11 वीं के बच्चों के अब फिर से पेपर नही होंगे। पहले जो परीक्षाएं हुई हैं, उन्हीं को आधार मानकर बच्चों को अंक दिए जाएंगे।
केजरीवाल ने कहा कि लॉकडाउन को हमें एक अवसर के रूप में लेना चाहिए, जिसका हम कई तरह से सदुपयोग कर सकते हैं। दिन-प्रतिदिन के जीवन में अपने बच्चों के साथ समय बिताना बहुत मुश्किल है, आप उन्हें पर्याप्त समय नहीं दे सकते हैं। यह लॉकडाउन माता-पिता और बच्चों को एक-दूसरे के करीब ला सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए हमें शारीरिक दूरी का खुद भी पालन करना होगा और अपने बच्चों को भी इसके लिए समझाकर तैयार करना होगा।
अभिभावक बच्चों को कोरोना से डराए नहीं, लडऩा सिखाएं- सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा कि ऐसा पहली बार है जब देश में अधिकतर बच्चे और उनके माता-पिता घर पर एक साथ हैं। हमें इस अवसर का लाभ उठाते हुए उनसे बातें करनी चाहिए और उनके सवालों के जवाब देते हुए घर के अंदर ही मनोरंजन के तरीके तलाशने चाहिए। सिसोदिया ने टीवी पर कोरोना को लेकर आ रही खबरों के द्वारा बच्चों के मन में किसी तरह का डर न बैठ जाए इसके लिए सभी माता-पिता को उनसे अधिक से अधिक चर्चा करनी चाहिए और इससे डरने के बजाय संघर्ष करने के लिए तैयार करना चाहिए।