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हरियाणा की निजी यूनिवर्सिटी में सामूहिक दुष्कर्म केस में दोषियों को नहीं मिली SC से राहत

ट्रायल कोर्ट ने दो युवकों को बीस-बीस साल व एक को सात साल की सजा सुनाई थी।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 15 Feb 2018 07:22 PM (IST)Updated: Fri, 16 Feb 2018 09:50 AM (IST)
हरियाणा की निजी यूनिवर्सिटी में सामूहिक दुष्कर्म केस में दोषियों को नहीं मिली SC से राहत
हरियाणा की निजी यूनिवर्सिटी में सामूहिक दुष्कर्म केस में दोषियों को नहीं मिली SC से राहत

नई दिल्ली (प्रेट्र)। दिल्ली से सटे हरियाणा के सोनीपत में स्थित निजी विवि में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषियों को राहत नहीं मिल सकी। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट को हिदायत दी कि वह मामले की सुनवाई पांच माह में पूरी करे।

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इस दौरान बीस-बीस साल की सजा पाए दो दोषियों को जेल में रहना पड़ेगा, जबकि सात साल की सजा पाने वाले तीसरे दोषी की जमानत फिलहाल पहले की तरह जारी रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसए बाब्दे व एल नागेश्वर राव की बेंच में यह सुनवाई की गई। दोषियों की तरफ से शांति भूषण तो पीडि़ता की तरफ से कोलिन गोंजालविस ने जिरह की। इस मामले में बीस साल की एक युवती ने 2013 में शिकायत दर्ज की थी।

उसका कहना था कि एक युवक ने दोस्ती का फायदा उठाया और उसके आपत्तिजनक फोटो मंगवाकर ब्लैकमेल किया। उसके बाद उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया।

ट्रायल कोर्ट ने दो युवकों को बीस-बीस साल व एक को सात साल की सजा सुनाई थी। दोषियों ने हाई कोर्ट में अपील की तो उनकी सजा बर्खास्त कर दी गई।

दो साल तक करते रहे ब्लैकमेल

निजी यूनिवर्सिटी में सामूहिक दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला सामने आया था। यूनिवर्सिटी में लॉ डिपार्टमेंट के तीन छात्रों ने विवि की 20 साल की छात्रा को ब्लैकमेल कर दो साल तक उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए विवश किया था। यह मामला तब सामने आया, जब छात्रा ने 11 अप्रैल 2015 को सुबह विवि प्रशासन को सूचना दी।

छात्रा ने आरोप लगाया था कि तीनों के पास उसकी आपत्तिजनक तस्वीर है, जिनसे वे अगस्त 2013 से ब्लैकमेल कर उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए विवश कर रहे हैं। तीनों आरोपी लॉ डिपार्टमेंट के अंतिम वर्ष के छात्र थे। उनके खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया था।

छात्रा ने बताया था कि 10 अप्रैल 2015 को भी दो आरोपियों ने विवि कैंपस में ही दुष्कर्म करने की कोशिश की थी। पुलिस ने मामले में सोनीपत शहर निवासी हार्दिक शिकरी, विकास गर्ग और करण छाबड़ा के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था।

पुलिस के मुताबिक, छात्रा ने अगस्त 2013 में यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था। मुख्य आरोपी हार्दिक शिकरी की छात्रा से दाखिला लेने के तुरंत बाद मुलाकात हुई और दोनों दोस्त बन गए। जब हार्दिक ने छात्रा से जबरन शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की तो दोनों की दोस्ती खत्म हो गई थी।

छात्रा ने बताया था कि वह घटना के बाद से पुलिस के पास जाने से डर रही थी। हार्दिक शिकरी ने उसे धमकी दी थी कि उसके पास उसकी आपत्तिजनक तस्वीर है, जिसके बाद उसे डराकर उसके साथ दुष्कर्म किया जाता रहा। हार्दिक ने ही अपने दो साथियों विकास गर्ग व करण छाबड़ा से शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया था। सभी ने उसके साथ कई बार  दुष्कर्म किया था।


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