एक सितंबर से गाड़ियां खरीदना हो सकता है महंगा, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई ये शर्त
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि एक सितंबर से नए चार पहिया वाहनों के लिए दो साल और दो पहिया वाहनों के लिए पांच साल का थर्ड पार्टी बीमा अनिर्वाय होगा।
नई दिल्ली (जेएनएन)। अगर आप नई गाड़ी खरीदने का मन बना रहे हैं तो ये खबर आपके लिए ही है। एक सितंबर से देश में नई गाड़ियां खरीदना महंगा हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने एक सितंबर से नई गाड़ियों की बिक्री पर थर्ड बीमा कराना अनिवार्य कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश दिया कि एक सितंबर से नए चार पहिया वाहनों के लिए दो साल का और नए दो पहिया वाहनों के लिए पांच साल का थर्ड पार्टी बीमा अनिवार्य होगा। इससे नई गाड़ी खरीदते वक्त आपको बीमा के लिए ज्यादा रकम चुकानी पड़ेगी। इसका सीधा असर नए वाहनों की कीमत पर पड़ेगा।
बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए दिया फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने देश में तेजी से बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर नए वाहनों के लिए थर्ड पार्टी बीमा अनिवार्य किया है। दरअसल ऐसा माना जाता है कि लोग नए वाहन लेते समय तो एक वर्ष के लिए बीमा कराते हैं, लेकिन बहुत से वाहन स्वामी इसके बाद बीमा रीन्यू नहीं कराते हैं। बहुवर्षीय बीमा के पक्ष में वकील गौरव अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि थर्ड पार्टी बीमा केवल नए वाहन खरीदते समय होता है। इसके बाद 66 फीसद से ज्यादा लोग बीमा नहीं कराते हैं। इसलिए एक बार में ही वाहन के पूरे साल का थर्ड पार्टी बीमा होना चाहिए।
बीमा कंपनियों ने किया विरोध
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बीमा कंपनियों के वकील ने कहा कि नए वाहन खरीदते वक्त एक साथ 20 साल का बीमा नहीं किया हो सकता, क्योंकि बीमे की दरें प्रत्येक वर्ष घटती-बढ़ती रहती हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक सितंबर से नए चार पहिया वाहनों के लिए दो साल और दो पहिया वाहनों के लिए पांच साल का थर्ड पार्टी बीमा अनिवार्य करने का दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बीमा कंपनियों को लगाई फटकार
सुनवाई के दौरान बीमा कंपनियों द्वारा एक साथ नए वाहन का कई वर्ष का बीमा अनिवार्य करने का विरोध जताया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने बीमा कंपनियों को फटकार लगाते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष सड़क दुर्घटना में एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है। प्रत्येक 30 मिनट में एक सड़क दुर्घटना होती है। लोग मर रहे हैं और आप कह रहे हैं कि उन्हें मरने दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने बीमा कंपनियों से कहा कि वह सड़क दुर्घटना में मरने वालों के लिए और बेहतर करें।