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राष्ट्रमंडल खेलों की तर्ज पर जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए चमकेगा एनडीएमसी क्षेत्र : सतीष उपाध्याय

काउंसिल की बीते सप्ताह हुई बैठक में यह तय किया गया है कि इस शिखर सम्मेलन को लेकर उसी तरह तैयारी की जाएगी जैसे राष्ट्रमंडल खेलों के समय की गई थी। एनडीएमसी की सड़कों को इसके लिए विशेष रूप से तैयार किया जाएगा।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 30 May 2022 09:39 AM (IST)Updated: Mon, 30 May 2022 09:39 AM (IST)
राष्ट्रमंडल खेलों की तर्ज पर जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए चमकेगा एनडीएमसी क्षेत्र : सतीष उपाध्याय
राष्ट्रमंडल खेलों की तर्ज पर जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए चमकेगा एनडीएमसी क्षेत्र : सतीष उपाध्याय

नई दिल्ली। अगले वर्ष राष्ट्रीय राजधानी में विश्व की 20 शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी-20 के शिखर सम्मेलन का आयोजन होना है। इसमें कई विकसित देशों के प्रतिनिधि भारत आएंगे, जो लुटियंस दिल्ली में ठहरेंगे। ऐसे में नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) भी सम्मेलन की तैयारी में जुट गई है। शिखर सम्मेलन को लेकर एनडीएमसी क्या तैयारी कर रही है और इसके लिए क्या-क्या काम किए जाएंगे। इसी मुद्दे को लेकर एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय से निहाल सिंह ने विस्तृत बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश...।

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जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों को लेकर एनडीएमसी की क्या योजना है ?

सड़कों का सुंदरीकरण किया जाएगा, हरियाली बढ़ाई जाएगी, फुटपाथ और साइकिल ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। इसे लेकर फिलहाल हम मंडी हाउस गोल चक्कर का सुंदरीकरण कर रहे हैं। बाराखंभा रोड का सुंदरीकरण करने के साथ कस्तूरबा गांधी मार्ग का सुंदरीकरण भी किया जाना है। कुल मिलाकर हमारा उद्देश्य एनडीएमसी को स्वच्छ व स्मार्ट दिखाना है, ताकि देश की राजधानी की सकारात्मक छवि पूरे विश्व में बने।

कई बाजार ऐसे हैं, जिनकी हालात बहुत खराब है। कनाट प्लेस की मरम्मत और रंगरोगन का मुद्दा भी लंबित है, इस बारे में क्या कहेंगे?

-हम चरणबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं। बाजारों की बहुत सारी समस्याओं को हमने बीते सात-आठ माह में समझा है। सरोजनी नगर मार्केट के कई मुद्दों का समाधान किया है। इसी प्रकार, कनाट प्लेस के सामने बहुत पुरानी मार्केट है शंकर मार्केट, उसमें भी व्यापारियों की समस्याओं का समाधान किया है। यह मुद्दे 40-50 वर्षों से लंबित थे, जिनका समाधान होने लगा है। कनाट प्लेस के रंगरोगन और उसकी मरम्मत का मुद्दा भी हमारे ध्यान में है। चूंकि यह मार्केट व्यापारियों की निजी संपत्ति है, ऐसे में इसमें कई तकनीकी पहलू भी हैं। हालांकि, जिस प्रकार राष्ट्रमंडल खेलों के समय मार्केट में सुधार किए गए थे, ठीक उसी प्रकार के सुधार जी-20 शिखर सम्मेलन से पूर्व करने का रास्ता निकाला जाएगा। इसमें रंगरोगन और मरम्मत का मुद्दा भी अवश्य होगा।

हनुमान मंदिर और कनाट प्लेस में मशीनों से सफाई का निर्णय किया गया है। अब अगले चरण में किस बाजार में मशीन से सफाई कराई जाएगी?

-कनाट प्लेस के प्राचीन हनुमान मंदिर में देश-विदेश से भी श्रद्धालु आते हैं, लेकिन वह कनाट प्लेस के पास होने के बावजूद मंदिर के आसपास का क्षेत्र अतिक्रमण का शिकार था। हमने वहां से न केवल अतिक्रमण हटवाया है, बल्कि कनाट प्लेस और हनुमान मंदिर परिसर में आधुनिक मशीनों से सफाई का निर्णय लिया गया है। इससे इस क्षेत्र को बेहतर ढंग से स्वच्छ रखा जा सकेगा। इसके बाद हम खान मार्केट, पंडारा मार्केट व लोधी मार्केट जैसे बाजारों में भी आधुनिक मशीनों से सफाई सुनिश्चित कराएंगे।

लुटियंस दिल्ली में भी सड़कों पर अतिक्रमण दिखाई देता है। स्मार्ट पोल व इनपर पैनिक बटन लगाने की योजनाएं लंबित हैं, ये काम कब तक पूरा होगा?

-हम समय-समय पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करते रहते हैं। हनुमान मंदिर परिसर से काफी कुछ अतिक्रमण हटाया गया है। जहां-जहां चीजें ध्यान में आती हैं, उनके स्थायी समाधान के लिए हम आगे बढ़ते हैं। आगे भी जिन स्थानों पर लोगों की शिकायतें आएंगी और जहां एनडीएमसी के ध्यान में आएगा, उस पर काम करेंगे। स्मार्ट पोल और पैनिक बटन योजनाओं में तकनीकी पहलुओं के चलते देरी हुई है। हम इस दिशा में फिर आगे बढ़ेंगे। कोशिश करेंगे कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत जो-जो निर्णय लिए गए हैं, वे पूरे हो।

एनडीएमसी की योजना है कि क्षेत्र में पूरी तरह हरित ऊर्जा का उपयोग हो, यह कब तक संभव हो सकेगा?

-एनडीएमसी क्षेत्र पूरी तरह हरित ऊर्जा उपयोग करने वाला निकाय बने, इसके लिए हमने 2025 तक का लक्ष्य रखा है। चूंकि अब जी-20 शिखर सम्मेलन भी होना है, ऐसे में 142 मेगावाट हरित ऊर्जा उपयोग करने का लक्ष्य जो अगले साल में पूरा करना था, हमारी कोशिश है कि वह इस सम्मेलन से पूर्व कर लें। इसके लिए जो समझौते होने हैं, उन्हें और जल्दी करने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। इसमें केंद्र सरकार से जो मदद लेनी होगी, वह भी ली जाएगी। हम फिलहाल 450 मेगावाट ऊर्जा का प्रतिदिन उपयोग करते हैं। ऐसे में हम इस वर्ष 40-45 प्रतिशत हरित ऊर्जा का उपयोग का लक्ष्य प्राप्त कर सकें, यह हमारी कोशिश होगी। 


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