बेटी का स्कूल में था दाखिला पर टीकाकरण अभियान में अपना फर्ज अदा करने पहुंची सरबजीत
Coronavirus Vaccination in Delhi दादा देव अस्पताल में नर्सिंग आफिसर वैक्सीनेटर के पद पर तैनात सरबजीत की बड़ी बेटी का शनिवार को प्ले स्कूल में दाखिला होना था लेकिन वह घर से सीधे अस्पताल पहुंची और स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया।
नई दिल्ली, मनीषा गर्ग। भारत सरकार के मिशन इंद्रधनुष के तहत तपेदिक, पोलियो, हेपेटाइटिस-बी, डिप्थीरिया, कुकुर खांसी व खसरा जैसी बीमारियों पर रोकथाम के लिए बीते कई सालों से बड़े स्तर पर टीकाकरण कार्यक्रम जारी है। पर कोरोना महामारी के खिलाफ शुरू हुआ ये टीकाकरण कार्यक्रम विशेष है और स्वास्थ्यकर्मियों में इसको लेकर खासा उत्साह देखा गया। हालत यह थी कि दादा देव अस्पताल में नर्सिंग आफिसर वैक्सीनेटर के पद पर तैनात सरबजीत की बड़ी बेटी का शनिवार को प्ले स्कूल में दाखिला होना था लेकिन वह घर से सीधे अस्पताल पहुंची और स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया।
सरबजीत बताती हैं कि एक स्वास्थ्य कर्मचारी होने के साथ-साथ मैं दो बेटियों की मां भी हूं। आज वैक्सीन कार्यक्रम की शुरुआत के साथ मेरी बड़ी बेटी अमायरा का प्ले स्कूल में दाखिले का दिन भी था। उसके जीवन के इस अहम पड़ाव पर मैं उसके साथ नहीं थी, इसका मुझे दुख है पर देश के प्रति मेरी जिम्मेदारी सबसे पहले है। हालांकि, अमायरा को ये बात समझाना मेरे लिए एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि वह चाहती थी कि मैं उसके इस खास दिन पर उसके साथ रहूं पर मुझे यकीन है जब वो बड़ी होगी और परिस्थिति को समझेगी तो उसे अपनी मां पर गर्व होगा।
सरबजीत ने बताया कि मैं काफी समय से बच्चों का टीकाकरण कर रही हूं, पर कोविशिल्ड का ये टीका अहम है। हालांकि बच्चों के मुकाबले बड़ों को टीका लगाना काफी आसान है, पर इसके लिए भी हम सभी वैक्सिनेटर आफिसर को विशेष ट्रेनिंग दी गई है। इसके अलावा ड्राई रन के दौरान कई गलतियों को सुधारने व प्रक्रिया का अभ्यास करने का मौका मिला। तब जाकर आज हम वैक्सिनेशन कार्यक्रम के लिए तैयार हो पाएं है। हम लोगों में आत्मविश्वास बढ़ा है। सरबजीत बताती हैं कि भविष्य में जब कभी भी इस ऐतिहासिक दिन की चर्चा होगी तब मैं भी उस चर्चा का हिस्सा रहूंगी।
द्वारका सेक्टर-6 स्थित मणिपाल अस्पताल के निदेशक रमन भास्कर ने कहा कि कई विकसित देशों के बाद अब भारत में भी कोरोना के खिलाफ टीकाकरण मुहिम शुरू हो चुकी है। इतने सीमित समय में भारत ने इस उपलब्धि को प्राप्त करने में सफलता पाई है, ये बड़ी बात है। अब जरूरी है कि जिस तरह संकट की घड़ी में हम सभी ने सूझबूझ की मिसाल पेश की है, ठीक उसी तरह का उदाहरण अब टीकाकरण अभियान के दौरान प्रस्तुत करना है।
वहीं एक्शन बालाजी मेडिकल इंस्टिट्यूट के मेडिकल निदेशक डा. आनंद बंसल ने कहा कि हमे खुशी है कि हम इस ऐतिहासिक दिन का हिस्सा हैं। पहले दिन जो स्वास्थ्य कर्मचारी टीका लगवाने के लिए आगे आए हैं, वे बधाई के पात्र हैं। वहीं जिनके मन में अभी भी संदेह है, मुझे पूरा यकीन है उनकी भ्रांतियां भी दूर होगी और वे आगे जरूर आएंगे।
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