रंगमंच पर उतरा 'सारा' का सारा आसमान, फिर याद आईं अमृता प्रीतम की दोस्त
निर्देशक तारिक हमीद का कहना है कि यह नाटक महिलाओं के स्याह पक्ष को उभारता है, जहां महिलाएं बद से बदतर हालत में हैं।
नोएडा (जेएनएन)। दिल्ली से सटे नोएडा के महामाया बालिका इंटर कॉलेज में मशहूर रंगकर्मी दानिश इकबाल के लिखे नाटक 'सारा का सारा आसमान' का मंचन किया गया। इसे विंग्स कल्चरल सोसायटी के बैनर तले युवा रंगकर्मी तारिक हमीद ने निर्देशित किया।
नाटक पूरी तरह 16 दिसंबर को दरिंदगी का शिकार होने वाली निर्भया को समर्पित था। नाटक के जरिये पितृसत्तात्मक समाज के ताने-बाने को सामने लाने का प्रयास किया गया।
तस्वीरों के जरिये फिर याद आईं मशहूर लेखिका अमृता प्रीतम की दोस्त
नाटक में दिखाया गया कि पितृसत्तात्मक समाज में पुरुषों की महिलाओं के प्रति क्या मानसिकता है। कैसे वे महिलाओं को दोयम दर्जे का मानते हैं। जबकि वे तमाम क्षेत्र में पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर साथ चल रही हैं और अपना लोहा मनवा रही हैं। नाटक के जरिये महिलाओं के प्रति सोच को बदलने का संदेश दिया गया।
'सारा का सारा आसमान' के लेखक दानिश इकबाल ने कहा कि यह नाटक मशहूर लेखिका अमृता प्रीतम की दोस्त और पाकिस्तानी शायरा सारा की जीवनी पर केंद्रित है। जब मैंने उनकी जीवनी पढ़ी तो काफी प्रभावित हुआ। उनके संघर्षों के बारे में मुझे पता चला।
उसी दौरान मेरे जेहन में नाटक लिखने का ख्याल आया। मैंने इस नाटक को एक महिला के नजरिये लिखने का प्रयास किया है।
वहीं, नाटक के निर्देशक तारिक हमीद का कहना है कि यह नाटक महिलाओं के स्याह पक्ष को उभारता है, जहां महिलाएं बद से बदतर हालत में हैं। कई जगहों पर महिलाओं के लिए स्थिति इतनी प्रतिकूल हैं कि वहां उम्मीद की रोशनी भी नजर नहीं आती।
महामाया बालिका इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल प्रतिभा चौधरी ने कहा कि अभी भी समाज में महिलाओं को दोयम दर्जे का समझा जाता है।
इस सोच को बदलने की जरूरत है। निर्देशक तारिक हमीद ने टीम से सभी का परिचय कराया। टीम में विनोद कुमार, मणि, सोनल सिंह, वंदना, आकांक्षा, चेतना, नेहा, बबिता, शुभम, संजय, यूसुफ, राजगुरु, अादिल, विवान, आशु और कुशल के साथ बाल कलाकार अभिनव, अभिव्यक्ति भी शामिल थे।