बड़ी राहतः सेनेटरी नैपकिन पर खत्म हुआ जीएसटी, जानिए- और क्या-क्या हुअा सस्ता
मनीष सिसोदिया ने बताया की काउंसिल ने कई महीनों से चली आ रही महिलाओं की मांग को मानते हुए सेनेटरी नैपकिन पर लगने वाले कर को पूरी तरह से खत्म कर दिया है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। जीएसटी काउंसिल की बैठक में महिलाओं के हित में बड़ा फैसला लिया गया है। काउंसिल ने सेनेटरी नैपकिन पर लगने वाले जीएसटी को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया की काउंसिल ने कई महीनों से चली आ रही महिलाओं की मांग को मानते हुए सेनेटरी नैपकिन पर लगने वाले कर को पूरी तरह से खत्म कर दिया है।
सेनेटरी नैपकिन पर नहीं लगेगा कर
शनिवार को जीएसटी परिषद की 28वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए। बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक अब सेनिटरी नैपकिन पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। अभी तक इस पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाया जा रहा था। जीएसटी परिषद की बैठक खत्म होने के बाद महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह जानकारी दी।
कई आइटम पर टैक्स घटाया गया
महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने यह भी बताया कि बैठक में बांस को 12 प्रतिशत जीएसटी के स्लैब में रखने का फैसला किया गया। दिल्ली सरकार में वित्त मंत्रालय संभालने वाले सिसोदिया ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद बताया कि 28 फीसदी स्लैब में मौजूद कई आइटम पर टैक्स घटाया गया है। उन्होंने कहा, 'मैं मानता हूं कि 28 फीसदी टैक्स स्लैब को खत्म कर दिया जाए। इस मामले को बेवजह घसीटा जा रहा है।' टैक्स रिटर्न को लेकर उन्होंने कहा कि 5 करोड़ रुपए तक वाले ट्रेडर्स के लिए तिमाही रिटर्न को जीएसटी परिषद ने मंजूरी दे दी है।
छात्रों के एक समूह ने चलाया कैंपेन
उल्लेखनीय है कि सेनिटरी नैपकिन पर जीएसटी की ऊंची दर लगाए जाने के लेकर सरकार को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था। जनवरी में इस साल ग्वालियर के छात्रों के एक समूह ने एक कैंपेन चलाया था। ये छात्र सैनिटरी नैपकिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मैसेज लिखकर इसे जीएसटी से बाहर करने और नि:शुल्क बनाने की मांग कर रहे थे।
कई मुद्दों पर हुई चर्चा
जीएसटी के एक साल पूरे होने के बाद जीएसटी काउंसिल की ये पहली बैठक थी। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई इस बैठक में फैसला लिया गया कि 5 करोड़ की आय वाले कारोबारियों को तिमाही आधार पर रिटर्न फाइल करने की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही चीनी पर सेस लगाया जाए या फिर नहीं, इसको लेकर भी चर्चा हुई।
27 जुलाई से लागू होंगे सभी फैसले
इन पर भी मिली छूट
स्टोन, मार्बल, राखी, साल के पत्ते अब टैक्स के दायरे से बाहर।
इथेनॉल पर टैक्स घटाकर पांच प्रतिशत किया।
1000 रपए तक के फुटवेयर पर अब 5 फीसदी टैक्स लगेगा, पहले यह राशि 500 रपए थी।
लीथियम आयन बैटरियों, वैक्यूम क्लीनर, फूड ग्राइंडर, मिक्सर, वॉटर हीटर, ड्रायर, पेंट, वॉटर कूलर, मिल्क कूलर, परफ्यूम, कॉस्मेटिक, शॉवर्स, टॉइलेट स्प्रे को 28 फीसदी टैक्स स्लैब से हटाकर 18 फीसदी टैक्स स्लैब में लाया गया है।
हैंडबैग्स, जूलरी बॉक्स, पेंटिंग के लिए लकड़ी के बॉक्स, आर्टवेयर ग्लास, हाथ से बने लैंप पर टैक्स घटाकर 12 फीसदी करने का फैसला किया गया है।
बडी राहत
5 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले ट्रेडर्स हर तीन महीने में रिटर्न भर सकेंगे। इससे 93 प्रतिशत करदाताओं को राहत मिलेगी।
रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को 30 सितंबर 2019 तक बढ़ा दिया गया है।
जीएसटी काउंटसिल बैठक में हुए बड़े फैसले
सरकार ने सेनेटरी नैपकिन को जीएसटी दर के बाहर कर दिया है।
बम्बू फ्लोरिंग पर जीएसटी दर को घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया है।
सरकार ने चीनी सेस पर कोई फैसला नहीं किया।
सिंपल रिटर्न फाइलिंग को मंजूरी मिली।
इथेनॉल पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी की गई। इथेनॉल का इस्तेमाल पेट्रोल ब्लेंड में होता है।
फ्रिज, वाशिंग मशीन समेत 17 से ज्यादा वस्तुओं पर जीएसटी दर घटाकर 18 फीसदी की गई।
1000 रुपए तक के फुटवियर पर अब 5 फीसदी टैक्स लगेगा।