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अरविंद केजरीवाल ने प्रेसवार्ता नहीं की, बल्‍कि उन्‍होंने कंटेम्पट ऑफ कोर्ट किया है : संबित पात्रा

भाजपा के नेता संबित पात्रा ने अरविंद केजरीवाल की प्रेस वार्ता (पीसी) पर तंज कसा है। मैं उनकी पीसी से आश्‍चर्यचकित हूं। एक चुना हुआ सीएम कैसे इस तरह की भाषा इस्‍तेमाल कर सकता है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 03:10 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 05:01 PM (IST)
अरविंद केजरीवाल ने प्रेसवार्ता नहीं की, बल्‍कि उन्‍होंने कंटेम्पट ऑफ कोर्ट किया है : संबित पात्रा
अरविंद केजरीवाल ने प्रेसवार्ता नहीं की, बल्‍कि उन्‍होंने कंटेम्पट ऑफ कोर्ट किया है : संबित पात्रा

नई दिल्‍ली, जेएनएन। भाजपा के नेता संबित पात्रा ने अरविंद केजरीवाल की प्रेस वार्ता (पीसी) पर तंज कसा है। संबित पात्रा ने कहा कि मैं उनकी पीसी से आश्‍चर्यचकित हूं। एक चुना हुआ मुख्‍यमंत्री कैसे इस तरह की भाषा इस्‍तेमाल कर सकता है। वह अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्‍होंने यह भी कहा की अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेसवार्ता नहीं की बल्‍कि उन्‍होंने आज कंटेम्‍पट ऑफ कोर्ट किया है। हम इसके खिलाफ कोर्ट में जाएंगे। बता दें कि दिल्‍ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच चल रही अधिकारों की जंग में फैसले आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्‍फ्रेस किया था।

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आप पहले ममता, शरद पवार और राहुल गांधी को अपना दुश्‍मन मानते थे, प्रहार करते थे आज उन्‍हीं के साथ हाथ पकड़कर कह रहे हैं लोकतंत्र बचाना है। आप लोकतंत्र बचाने की बात करते हैं। आज जिस तरह की भाषा का इस्‍तेमाल राजनीति के लिए आपने सुप्रीम कोर्ट के किया है वह धिक्‍कार योग्‍य है। यह रिजेक्‍ट करने लायक है। आप कहते हैं फैसले को ठीक करना होगा, चाबी जनता के पास है। आप जनता को उकसा रहे हैं की सुप्रीम कोर्ट के अदंर घुस जाए। कोर्ट सीट के अाधार पर फैसला नहीं सुनाता है। आप चार साल से सरकार चला रहे हैं और कहते   हैं की केंद्र सरकार काम नहीं करने देती है।

ये है मामला
यहां पर बता दें कि दिल्ली में अधिकारों को लेकर बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों जजों में एक राय नहीं बनने पर सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण पर अपना खंडित फैसला बड़ी बेंच के पास भेज दिया है। इसके अलावा दो सदस्यीय पीठ भ्रष्टाचार रोधी शाखा (ACB), राजस्व, जांच आयोग और लोक अभियोजक की नियुक्ति के मुद्दे पर सहमत हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र की उस अधिसूचना को बरकरार रखा है, जिसमें दिल्ली सरकार का एसीबी भ्रष्टाचार के मामलों में उसके कर्मचारियों की जांच नहीं कर सकता है। एसीबी पहले की तरह केंद्र सरकार के ही अधीन रहेगी, क्योंकि पुलिस केंद्र के पास है।


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