सफदरजंग के लिए 991 नर्सो की नियुक्ति प्रक्रिया रद, अब एम्स करेगा भर्ती
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि एम्स स्थायी नर्सों की नियुक्ति के लिए परीक्षा आयोजित करेगा। परीक्षा कब होगी अभी यह तय नहीं हो सका है।
नई दिल्ली, जेएनएन। सफदरजंग अस्पताल में नवनिर्मित सुपर स्पेशियलिटी और इमरजेंसी ब्लॉक के लिए स्थायी नर्सो की नियुक्ति प्रक्रिया भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। अस्पताल में 991 नर्सो की नियुक्ति के लिए पिछले साल आयोजित परीक्षा में धांधली का मामला सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नियुक्ति प्रक्रिया रद कर दी है। अब एम्स को सफदरजंग अस्पताल में नर्सो की नियुक्ति की जिम्मेदारी दी गई है।
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि एम्स स्थायी नर्सों की नियुक्ति के लिए परीक्षा आयोजित करेगा। परीक्षा कब होगी अभी यह तय नहीं हो सका है। अस्पताल में इमरजेंसी ब्लॉक को एक साल जबकि सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का संचालन शुरू हुए छह महीने से अधिक समय हो चुका है।
इमरजेंसी ब्लाॅक में 500 बेड व 12 ऑपरेशन थियेटर हैं। सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में 807 बेड व 21 ऑपरेशन थियेटर है। लेकिन, डॉक्टरों और नर्सों की कमी से दोनों ब्लॉकों में क्षमता के अनुसार मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। सुपर स्पेशियलिटी में करीब 10 ऑपरेशन थियेटर अभी तक बंद हैं।
वहीं इमरजेंसी सेंटर में 12 ऑपरेशन थियेटर में सिर्फ छह में सर्जरी हो पा रही है। सफदरजंग अस्पताल ने कभी अनुबंध पर कभी स्थायी तौर पर नर्सों की नियुक्ति करने की कई बार प्रक्रिया शुरू की, लेकिन हर बार किसी न किसी वजह से नियुक्ति विवादों में फंस गई।
सबसे पहले ठेके पर नर्सों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई। नर्सिग कर्मचारियों के संगठनों के विरोध पर मंत्रालय ने इसे रद कर दिया। इसके बाद स्थायी नर्सों की नियुक्ति में विलंब के कारण अस्पताल प्रशासन ने पिछले साल मई में अनुबंध पर 932 नर्सिग कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की।
इसमें सिर्फ 400 नर्सिंग कर्मचारियों की ही नियुक्ति हो पाई। सितंबर में स्थायी नर्सो की नियुक्त प्रक्रिया शुरू हुई। देश भर में परीक्षा भी आयोजित कर ली गई, लेकिन कुछ अभ्यार्थियों ने परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया। अस्पताल प्रशासन ने नवंबर में इस मामले की फाइल मंत्रालय भेजी।
जांच के बाद मंत्रालय ने इस परीक्षा को भी रद कर दिया। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेंद्र शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा के लिए एक निजी एजेंसी से करार किया गया था। उस एजेंसी को भी नोटिस भेजा गया है। अस्पताल भविष्य में उस एजेंसी की सेवाएं नहीं लेगा। अब यह तय हुआ है कि एम्स नर्सो की नियुक्ति करेगा। एम्स भी एक निजी एजेंसी के माध्यम से ही परीक्षा का आयोजन करता है।