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घरेलू सहायिकाओं को काम पर आने से नहीं रोक सकता है आरडब्ल्यूए, मनमानी करने पर होगी कार्रवाई

सोसायटी कॉलोनियों या फिर आवासीय परिसरों में रहने वाले लोग आवश्यक सेवाओं को बिना पाबंदी के ले सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति इसमें हस्तक्षेप करता है तो यह कानून का उल्लंघन है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 04:28 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 04:28 PM (IST)
घरेलू सहायिकाओं को काम पर आने से नहीं रोक सकता है आरडब्ल्यूए, मनमानी करने पर होगी कार्रवाई
घरेलू सहायिकाओं को काम पर आने से नहीं रोक सकता है आरडब्ल्यूए, मनमानी करने पर होगी कार्रवाई

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना संकट में सुरक्षा के नाम पर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) मनमानी नहीं कर सकती हैं। दिल्ली सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस में स्पष्ट है कि आवश्यक सेवाओं को क्षेत्र या कॉलोनी में देने से आरडब्ल्यूए इन्कार नहीं कर सकतीं। इसमें अगर सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक कोई भी व्यक्ति सेवाएं देने के लिए सोसायटी और कॉलोनी में आता है या फिर उससे बाहर जाता है तो इसके लिए आरडब्ल्यूए को पाबंदी लगाने का अधिकार नहीं है। सोसायटी, कॉलोनियों या फिर आवासीय परिसरों में रहने वाले लोग आवश्यक सेवाओं को बिना पाबंदी के ले सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति इसमें हस्तक्षेप करता है तो यह कानून का उल्लंघन है।

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कंटेनमेंट जोन को छोड़कर हर जगह नियम लागू 

गाइडलाइंस के मुताबिक कंटेनमेंट जोन को छोड़कर कोई भी व्यक्ति घर से बाहर जा सकता है, हालांकि उसे इस दौरान मास्क पहनना और शारीरिक दूरी का पालन करना अनिवार्य है। ऐसे में कोई व्यक्ति मास्क पहनकर और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए सोसायटी में दूध, अखबार और राशन जैसी आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी के लिए घर आता है तो उसे रोका नहीं जा सकता। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि गाइडलाइंस को लागू कराने की जिम्मेदारी सभी जिला अधिकारियों के साथ पुलिस उपायुक्तों की है। वे अपने क्षेत्र में इन गाइडलाइंस को लागू कराने के लिए जरूरी कदम उठाएं।

लॉकडाउन-चार में गृह मंत्रालय ने राज्‍यों को दिया अधिकार

लॉकडाउन के चौथे चरण में केंद्रीय गृह मंत्रलय ने राज्यों को अधिकार दिए थे कि वे अपने हिसाब से गाइडलाइंस तैयार करें और लोगों को छूट दें। इसके बाद दिल्ली सरकार ने 18 मई को गाइडलाइंस जारी की थी। इसके तहत सभी निजी और सरकारी दफ्तरों को खोलने की छूट दी गई थी और दिल्ली के विभिन्न बाजारों में ऑड-इवन (सम-विषम) के हिसाब से दुकानें खोलने की। 

कानून को नहीं ले सकते हाथ में

यूनाइटेड रेजिडेंट च्वाइंट एक्शन (ऊर्जा) का कहना है कि किसी भी आरडब्ल्यूए को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। ऊर्जा के अध्यक्ष अतुल गोयल ने बताया कि आरडब्ल्यूए यह जरूर सुनिश्चित कर सकती है कि सोसायटी या आवासीय परिसर में आने वाला व्यक्ति मास्क पहने हो और शारीरिक दूरी का पालन करे। अगर और ज्यादा सुरक्षा सुनिश्चित करनी है तो थर्मल स्‍क्रीनिंग की जा सकती है। अगर आरडब्ल्यूए के पास थर्मल स्‍क्रीनिंग की व्यवस्था नहीं है तो इस आधार पर भी नहीं रोका जा सकता है।

घरेलू सहायिका को काम करने से नहीं रोक सकते 

अखबार पहुंचाने वाले कर्मयोगी, राशन और दूध की आपूर्ति करने वाले लोग और घरेलू सहायिकाओं को रोका नहीं जा सकता है। अगर ऐसा कोई भी कर रहा है तो यह सरासर गलत है। यह कानून का उल्लंघन है। सरकार ने जो गाइडलाइंस बनाई है हमें उसका पालन करना है। उससे ऊपर किसी के नियम नहीं चल सकते हैं।

कार सफाई करने वालों को नहीं है रोकने की इजाजत

सरकार की गाइडलाइंस के तहत न तो घरेलू सहायिका को रोका जा सकता और न ही कार साफ करने वाले को। अखबार से लेकर सभी वस्तुएं कॉलोनी में डिलीवरी हो सकती हैं। हमारी आरडब्ल्यूए में मास्क लगाकर और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करके लोग आ सकते हैं।

सुनील रजौरिया, अध्यक्ष, रेलवे कॉलोनी कॉलेज लेन बंगाली मार्केट आरडब्ल्यूए

उल्लंघन पर हो सकती है जेल

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिनियम 2005 के तहत अगर कोई जारी गाइडलाइंस का पालन नहीं करता है तो उसमें कठोर सजा का प्रावधान भी है। सरकार ने भी कहा है कि गाइडलाइंस के पालन न होने पर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसमें आइपीसी की धारा 188 के तहत सजा का प्रावधान है।

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