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Delhi News: ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलना है सत्य की निशानी, इसे रोककर नहीं रखा जा सकता- संघ

Gyanvapi Masjid Case राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरआरएस) ने ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग का मिलना सत्य बताया है। RSS का कहना है कि यह सत्य की राह को बहुत दिनों तक रोका नहीं जा सकता है। वह अपना रास्ता बना ही लेता है।

By Geetarjun GautamEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 09:08 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 09:08 PM (IST)
Delhi News: ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलना है सत्य की निशानी, इसे रोककर नहीं रखा जा सकता- संघ
ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने को संघ ने 'सत्य' बताया

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। काशी के ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरआरएस) ने सधी प्रतिक्रिया देते हुए इसे "सत्य' बताया है और कहा है कि सत्य की राह को बहुत दिनों तक रोका नहीं जा सकता है। वह अपना रास्ता बना ही लेता है। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि ज्ञानवापी से जो तथ्य निकल कर सामने आ रहे हैं, उसे आने देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सत्य को रोकना नहीं चाहिए। इसके साथ उसे सही परीपेक्ष में देखने, समझने और समाज के सामने रखने की आवश्यकता है।

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वह कांस्टीट्यूशन क्लब में इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (आइवीएसके) द्वारा आयोजित देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान समारोह-2022 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ का जिक्र कहते हुए कहा कि हमारा लंबा इतिहास है। बीच की अवधि संघर्षों से भरा रहा है, लेकिन उसे सही तरीके से प्रस्तुत नहीं किया, तथ्यों के साथ छेड़छाड़ हुई है। बहुत सारे पहलुओं को प्रमाणिकता के साथ नहीं रखा गया है।

आजादी के अमृत महोत्सव काल में पीछे मुड़कर पुरानी बातों के पुर्नसमीक्षा की जरूरत है। उसमें यह देखा जाना चाहिए कि पुरानी किन बातों को जारी रखनी चाहिए और किसे छोड़ आगे बढ़ना चाहिए, लेकिन इस क्रम में कोई दोषारोपण नहीं होना चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने देश की एकता, अखंडता व आत्मीयता पर जोर देते हुए कहा कि इसका आधार हमारी संस्कृति और परंपराएं हैं। जैसे, गंगा, यमुना व सरस्वती नदियां हैं, जो अंत में मिलकर सभी गंगा बन जाती हैं। वैसे ही समाज को भी रहने की आवश्यकता है। इसके लिए आवश्यक है कि "लोक प्रबोधन' हो।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डा. संजीव कुमार बालयान ने कहा कि ज्ञानवापी में वर्षों से नंदी अपने शिव की प्रतिक्षा में थे। उन्हें अपने शिव मिल गए हैं। इसके साथ ही पत्रकारिता में विश्वसनीयता को मुख्य बिंदू बताते हुए कहा कि लोकतंत्र का चौथा खंभा पत्रकारिता लोगों तक खबरें पहुंचाने का सबसे विश्वसनीय माध्यम है। इसे पूरी निष्पक्षता से निभाने की आवश्यता है। इस अवसर पर कई पत्रकारों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित भी किया गया।


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