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रीति स्पो‌र्ट्स ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, पूर्व भारतीय कप्‍तान धौनी को किया इतने का भुगतान

सुप्रीम कोर्ट ने होमबायर्स को आम्रपाली ग्रुप द्वारा धौनी को विज्ञापन शुल्क के रूप में भुगतान किए गए 42.22 करोड़ रुपये वसूलने के निर्देश दिए थे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 10:33 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 10:54 PM (IST)
रीति स्पो‌र्ट्स ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, पूर्व भारतीय कप्‍तान धौनी को किया इतने का भुगतान
रीति स्पो‌र्ट्स ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, पूर्व भारतीय कप्‍तान धौनी को किया इतने का भुगतान

 नई दिल्ली, आइएएनएस। रीति स्पो‌र्ट्स ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि विभिन्न ब्रांड की विज्ञापन गतिविधियों के लिए चेक के जरिये पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को 37 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। धौनी आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसडर थे।

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सुप्रीम कोर्ट ने 42.22 करोड़ रुपये वसूलने के दिए थे निर्देश

दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने होमबायर्स को आम्रपाली ग्रुप द्वारा धौनी को विज्ञापन शुल्क के रूप में भुगतान किए गए 42.22 करोड़ रुपये वसूलने के एक निर्देश को पारित करने की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई थी। रीति स्पो‌र्ट्स पूर्व भारतीय कप्तान धौनी के विज्ञापन अनुबंध का प्रबंधन करती है।

होमबायर्स के वकील को जवाब दाखिल करने को कहा गया

जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष, जिसमें जस्टिस यूयू ललित भी शामिल थे, में होमबायर्स के वकील ने कहा कि 42.2 करोड़ रुपये अभी तक रीति स्पो‌र्ट्स से वसूले गए हैं। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में सीधे खेल प्रबंधन कंपनी से पैसों की वसूली के निर्देश दिए थे। रीति स्पो‌र्ट्स ने उसी पर एक याचिका दायर की थी।

रीति स्पो‌र्ट्स के वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि कंपनी एक खेल प्रबंधन कंपनी है और विभिन्न क्रिकेटरों और अन्य हस्तियों को अनुबंधित करती है और जब खिलाड़ी खेलते हैं तो वे उनके ब्रांड का विज्ञापन करते हैं। रोहतगी ने कहा, 'मैंने धौनी को पूरी रकम चेक से दी। यह राशि 37 करोड़ रुपये थी।' इसी पर अदालत ने होमबायर्स के वकील को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत के इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 17 फरवरी को फैसला करने की संभावना है।

आम्रपाली मामले में जेपी मॉर्गन की संपत्तियां जब्त करने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अब बंद हो चुके आम्रपाली ग्रुप के साथ लेनदेन में शामिल रही अमेरिकी कंपनी जेपी मॉर्गन की भारतीय संपत्तियां जब्त करने का आदेश दिया है। जेपी मॉर्गन पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) मानकों का उल्लंघन कर गृह खरीददारों का पैसा हड़पने में मदद करने का आरोप है। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने ईडी को आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी अनिल कुमार शर्मा और दो अन्य निदेशकों शिव प्रिया व अजय कुमार को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की अनुमति प्रदान कर दी।

आम्रपाली की संपत्तियों की शीघ्र नीलामी के लिए बनाई समिति

अब बंद हो चुके आम्रपाली समूह की संपत्तियों की शीघ्र नीलामी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) को आम्रपाली ग्रुप की सात अटकी हुई परियोजनाओं पर जल्द से जल्द काम शुरू करने के लिए कहा है।जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने चार सदस्यीय समिति में राजीव भाटिया और पवन अग्रवाल (दोनों फोरेंसिक ऑडिटर्स) के अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता आर. वेंकटरमानी और चार्टर्ड अकाउंटेंट डीके मिश्रा को शामिल किया है।

वेंकटरमानी सरकारी कंपनी एमएसटीसी की आम्रपाली ग्रुप की संपत्तियां नीलाम करने में मदद करेंगे। पीठ ने कहा, 'समिति देखेगी कि कौन सी संपत्तियां पहले बेची जाएं, उनका बाजार मूल्य क्या है और कितना राजस्व अर्जित किया जा सकता है। समिति हर चीज देखेगी। अटकी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए हमें धन की जरूरत है।'

शीर्ष अदालत ने एनबीसीसी को निर्माण कार्य जल्द शुरू करने का निर्देश दिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को अब तक पूरे हो चुके कार्य के लिए एबीसीसी को 14 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया। अदालत ने एनबीसीसी से कहा कि वह नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अटकी हुईं सभी सातों परियोजनाओं के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करे। शीर्ष अदालत को सूचना दी गई कि उसके आदेश पर जब्त की गईं आठ लक्जरी कारों और तीन अपार्टमेंट्स को अब तक एमएसटीसी बेच चुकी है। इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 17 फरवरी तक स्थगित कर दी।


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