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देश के नामी अस्‍पताल में जल्‍द होगी रोबोटिक सर्जरी, हजारों गरीबों को मुफ्त मिलेगी सुविधा

देश के नामी अस्‍पताल सफदरजंग में जल्‍द ही रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत होने वाली है। यूरोलॉजी से संबंधित बीमारियों किडनी व यूरिनरी ब्लाडर के कैंसर के मरीजों को सुविधा होगी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 11:11 AM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 11:11 AM (IST)
देश के नामी अस्‍पताल में जल्‍द होगी रोबोटिक सर्जरी, हजारों गरीबों को मुफ्त मिलेगी सुविधा
देश के नामी अस्‍पताल में जल्‍द होगी रोबोटिक सर्जरी, हजारों गरीबों को मुफ्त मिलेगी सुविधा

नई दिल्ली, जेएनएन। Safdarjung Hospital: केंद्र सरकार के सफदरजंग अस्पताल में इस माह से रोबोटिक सर्जरी शुरू होने की उम्मीद है क्योंकि जल्द ही यहां रोबोटिक मशीन लग जाएगी। यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर इस तकनीक का इस्तेमाल करेंगे। इसलिए यूरोलॉजी से संबंधित बीमारियों, किडनी, प्रोस्टेट व यूरिनरी ब्लाडर के कैंसर की रोबोटिक सर्जरी हो सकेगी। डॉक्टर कहते हैं कि सफदरजंग में यह सुविधा शुरू होने से आर्थिक रूप से कमजोर व गरीब मरीजों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा निशुल्क मिल पाएगी।

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चार सालों से हो रहा था प्रयास
सफदजंग अस्पताल प्रशासन चार सालों से रोबोटिक मशीन लगाने के लिए प्रयासरत है। यह मशीन सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के ऑपरेशन थियेटर में लगाई जाएगी। पिछले साल जून में सुपर स्पेशयलिटी ब्लॉक के शुरू होने के बाद रोबोटिक मशीन लगाने का रास्ता साफ हो गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इसे प्रमुख सूची में शामिल किया है।

अमेरिका से आ रही मशीन
अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अनूप कुमार ने कहा कि अगले सप्ताह अमेरिका से अत्याधुनिक रोबोटिक मशीन यहां आ जाएगी। उम्मीद है कि 22 सितंबर को उसका शुभारंभ भी हो जाएगा। मौजूदा समय में यह सुविधा ज्यादातर बड़े निजी अस्पतालों और सरकारी क्षेत्र के कुछ चुनिंदा अस्पतालों में ही है। दिल्ली में एम्स व दिल्ली राज्य कैंसर इंस्टीट्यूट में रोबोटिक मशीन है। हालांकि राज्य कैंसर इंस्टीट्यूट में इसका खास इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। सफदरजंग अस्पताल यहां का तीसरा अस्पताल होगा, जहां यह सुविधा होगी।

अब नहीं मिलेगी ज्‍यादा वेटिंग
डॉक्टर कहते हैं कि बड़े सरकारी अस्पतालों में मरीजों का दबाव अधिक होने के कारण सर्जरी की वेटिंग ज्यादा है। ऐसे में ओपन सर्जरी की जगह लैप्रोस्कोपी व रोबोटिक सर्जरी का चलन बढ़ने से सर्जरी की वेटिंग कम हो सकेगी क्योंकि इस तकनीक में सर्जरी के लिए मरीज को बड़ा चीरा नहीं लगाना पड़ता है।

छोटे होल करके होगी सर्जरी
सिर्फ छोटे होल करके सर्जरी की जाती है। ओपन सर्जरी में मरीज को एक सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है। जबकि लैप्रोस्कोपी व रोबोटिक सर्जरी में मरीज को दो से तीन दिन में छुट्टी मिल जाती है। इस तरह दूसरे मरीजों को भर्ती करने का मौका जल्दी मिल पाएगा।

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