सड़कों पर यमदूत बनकर दौड़ते हैं वाहन, रफ्तार की चपेट में दम तोड़ रही है जिंदगी
रात दस बजे के बाद अधिकतर सड़कों पर वाहन चालक बेकाबू हो जाते हैं। मर्जी से वाहन चलाते हैं। एक सितंबर से लेकर छह अक्टूबर तक जहां 26 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं 150 से अधिक घायल हो चुके हैं।
गुरुग्राम (आदित्य राज)। शहर से लेकर गांव तक की सड़कों पर मौत के रूप में अधिकतर वाहन दौड़ते हैं। इसका नतीजा यह है कि न केवल हाई-वे पर बल्कि गांवों की सड़कों पर भी रफ्तार की चपेट में जिंदगी दम तोड़ रही है। हैरानी की बात यह है कि सड़कों पर पुलिस दिखाई देने के बाद भी यमदूत बनकर गति से वाहन फर्राटा भरते नजर आते हैं। रात दस बजे के बाद अधिकतर सड़कों पर वाहन चालक बेकाबू हो जाते हैं। मर्जी से वाहन चलाते हैं। वाहनों की रफ्तार की चपेट में किस कदर जिंदगी खत्म हो रही है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक सितंबर से लेकर छह अक्टूबर तक जहां 26 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं 150 से अधिक घायल हो चुके हैं।
हादसों का शहर
जल्द पहुंचने के चक्कर में वाहन चालक यह भी नहीं देखते हैं कि जिस वाहन को चला रहे हैं उनमें बच्चे बैठे हैं। अगस्त महीने के दौरान गांव झुंडसराय के नजदीक एक स्कूल बस ने पिकअप में पीछे से टक्कर मार दी थी। इससे बस में बैठे कई बच्चों को चोट आई थी। घटना के बाद बच्चों को अस्पताल पहुंचाने या उनके परिजनों को जानकारी की बजाय चालक बस छोड़कर फरार हो गया था।
रफ्तार का कहर
निजी वाहनों की बात दूर हरियाणा रोडवेज की बसें भी इतनी तेज रफ्तार में चलती हैं कि हर पल दुर्घटना होने का अंदेशा रहता है। शनिवार सुबह रोडवेज की बस की चपेट में आने से ही एक स्कूटी सवार युवती की मौके पर ही मौत हो गई। बस की रफ्तार इतनी अधिक थी कि वह दीवार से जाकर टकरा गई। बस यात्रियों से भरी थी। यदि पलट जाती तो बड़ा हादसा हो जाता।
ट्रक, डंपर, कैंटर एवं ट्रैक्टर चालक बेकाबू
पूरे जिले में अधिकतर ट्रक, डंपर, कैंटर एवं ट्रैक्टर चालक बेकाबू हैं। भीड़भाड़ वाली जगहों पर भी स्पीड कम नहीं करते हैं। नतीजा यह है दिल्ली-जयपुर हाई-वे पर सिरहौल बॉर्डर, शंकर चौक, झाड़सा चौक, राजीव चौक, हीरो होंडा चौक, नरसिंहपुर, शिकोहपुर के सामने, मानेसर चौक, पंचगांव चौक, बिनौला के सामने एवं बिलासपुर चौक के नजदीक अक्सर सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इनके अलावा साढ़राणा मोड़, अलीपुर मोड़, बादशाहपुर, भोंडसी के सामने, रेलवे, रेलवे रोड पर चिंतपूर्णी मंदिर के नजदीक, पालम विहार श्रीकृष्ण चौक के नजदीक, बजघेड़ा फाटक के नजदीक अक्सर सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
पुलिस को सक्रिय होना पड़ेगा
सुशांत लोक निवासी व सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी रंजन प्रसाद कहते हैं कि दिल्ली की तरह गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस को सक्रिय होना पड़ेगा। वाहनों की स्पीड बढ़ते ही चालान होने का जब तक डर पैदा नहीं होगा तब तक दुर्घटनाएं नहीं कम होंगी।
2 सितंबर से 6 अक्टूबर तक 26 लोगों की मौत
2 सितंबर: हाई-वे पर नरसिंहपुर के नजदीक एक युवक की मौत
3 सितंबर: मानेसर में एनएसजी ट्रेनिंग सेंटर के सामने एक कमांडो की मौत
4 सितंबर: सोहना इलाके में पिकअप की टक्कर से एक व्यक्ति की मौत
4 सितंबर: मानेसर एनएसजी ट्रेनिंग के नजदीक एक व्यक्ति की मौत
6 सितंबर: बसई फ्लाईओवर के नजदीक एक व्यक्ति की मौत
7 सितंबर: मानेसर चौक के नजदीक ट्रक ने एक युवक को कुचला
10 सितंबर: भोड़ाकलां में कैंटर की चपेट में आने से दो की मौत
11 सितंबर: बसई रोड पर ट्रक की टक्कर से रिक्शा चालक की मौत
12 सितंबर: शिकोहपुर के सामने बस ने एक युवक को कुचला
13 सितंबर: अलग-अलग दुर्घटनाओं में चार लोगों की मौत
16 सितंबर: राजेश पायलट चौक के नजदीक एक एसपीओ की मौत
20 सितंबर: कादीपुर के नजदीक एक युवक की मौत
23 सितंबर: गांव मैदावास के नजदीक अज्ञात वाहन ने एक युवक को कुचला
24 सितंबर: हाई-वे पर कापड़ीवास चौक के नजदीक दो लोगों की मौत
28 सितंबर: घाटा के नजदीक अज्ञात वाहन की टक्कर से एक की मौत
30 सितंबर: अलग-अलग इलाकों में पांच लोगों की मौत
6 अक्टूबर: सुल्तानपुर स्थित राष्ट्रीय पक्षी उद्यान के नजदीक एक युवती की मौत (इनके अलावा भी काफी दुर्घटनाएं हुईं जिनमें काफी संख्या में लोग घायल हुए)।
शुरू किया जाएगा विशेष अभियान
गुरुग्राम पुलिस आयुक्त केके राव का कहना है कि वाहन चालकों के ऊपर लगाम लगाने के लिए जल्द ही एक विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। इसके लिए कुछ सुविधाएं आवश्यक हैं ताकि वाहन की रफ्तार अधिक होते ही पकड़ में आ जाए। ट्रैफिक पुलिस की सक्रियता और बढ़ाई जाएगी। ओवरलोड वाहनों के खिलाफ भी अभियान शुरू किया जाएगा।