RFRF ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर की तैयारी के लिए दिए सुझाव, जारी किया शोधपरक रिपोर्ट
आरएफआरएफ ने मंगलवार को दिल्ली में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आइजीएनसीए) में पत्रकार वार्ता कर एक शोधपरक रिपोर्ट जारी की। ट्रस्ट द्वारा इसे ‘कोविड-19 तीसरी लहर और उससे बाद तैयारी की कार्य योजना’ नाम दिया गया है।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए नागपुर स्थित शोध आधारित ट्रस्ट रिसर्च फार रिसर्जेंस फाउंडेशन (आरएफआरएफ) ने मंगलवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आइजीएनसीए) में पत्रकार वार्ता कर एक शोधपरक रिपोर्ट जारी की। ट्रस्ट द्वारा इसे ‘कोविड-19 तीसरी लहर और उससे बाद : तैयारी की कार्य योजना’ नाम दिया गया है।
इस बीच ट्रस्ट के अध्यक्ष डा सच्चिदानंद जोशी ने बताया कि रिपोर्ट तैयार करने वाले विशेषज्ञों में आइआइटी मद्रास के प्रो. सरित दास के संयोजकत्व में सीएसआइआर-नीरी के डा राजेश बिनीवाले, आइआइएसईआर कोलकाता के प्रो. सौरव पाल, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रो एमएलबी भट्ट, आइआइएम संबलपुर के प्रो महादेव जायसवाल, नागपुर विश्वविद्यालय के प्रो. विनायक देशपांडे, बाबा साहेब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के प्रो बी. चोपडे, आइआइटी गांधीनगर के प्रो. उदित भाटिया और भारतीय शिक्षण मंडल के मुकुल कानिटकर शामिल रहे।
रिपोर्ट में टीकाकरण को बढ़ावा देने, कामगारों के पलायन को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाना, वायरस के प्रसार को रोकने के लिए घरेलू सीवेज को कीटाणुरहित बनाना और चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था करने सहित 11 सुझाव दिए गए हैं। यह रिपोर्ट विशेषज्ञों की अनेकों बैठकों की चर्चा और परिचर्चा का परिणाम है। प्रभावी क्रियान्वयन के लिए इसे नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों और अन्य हित धारकों के बीच प्रसारित किया जा रहा है।
प्रमुख सुझाव
- बदलते हुए लक्षणों को अधिसूचित करने की अवधि के अलावा उम्र, लिंग, सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर प्रचलित आकड़ों के महामारी विज्ञान को सामयिक करना।
- म्यूकोर्मिकोसिस जैसी कोविड के बाद की स्वास्थ्य जटिलताओं की प्रारंभिक पहचान और सूचित करना।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार और कोविड के बाद स्वास्थ्य प्रबंधन/सुधार के लिए एलोपैथी और आयुष का एकीकरण।
- प्राथमिकता के आधार पर चिकित्सा उपकरणों, वातावरण/सतहों से विषाणुओं को निष्क्रिय करने वाले उपकरणों के लिए शोध को बढ़ावा देना, आरामदायक पीपीई किट का निर्माण, मेडिकल कचरे का प्रबंधन, जो कि आजकल घर-घर से (जैसे उपयोग किए गए मॉस्क) निकल रहा है, आरएनए सिक्वेंसिंग के लिए BSL3/4 प्रयोगशालाओं का निर्माण, तीव्र और वैकल्पिक परीक्षण की विधियों का बढ़ाना।
- शिक्षा के मामले में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के लिए ऑनलाइन/ऑफलाइन कक्षाओं के लिए विभिन्न रणनीतियां तैयार की जाएं।
- प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए टीवी चैनलों जैसे जनसंचार माध्यमों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
- उच्च शिक्षा के लिए यूजीसी और एआईसीटीई द्वारा ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की संभावनाओं संबंधी दस्तावेज तैयार किए जा सकते हैं।
- इंटरनेट के दुरुपयोग से बचने के लिए एडुसैट आधारित इंटरनेट को बढ़ावा दिया जा सकता है। इसके अलावा रेल टेल जैसे आईटी संरचना को समायोजित किया जा सकता है।
- वायरस के प्रसार के लिए घरेलू सीवेज को संभावित खतरा माना जाता है। सीवेज ट्रीटमेंट में कीटाणुशोधन और रिसाव के लिए पाइप लिकेज पर काम करने की आवश्यकता है।
- रोजगार प्रदान करने वाली औद्योगिक क्षेत्र को चिह्नित कर उसको चालू रखने के लिए सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है। साथ ही टैक्स के लाभ को उद्योगों तक बढ़ाना चाहिए ताकि कामगारों की अर्थव्यवस्था में भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
- उद्योगों के साथ स्थानीय प्रशासन द्वारा मजदूरों के बड़े पैमाने पर पलायन को कम करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम तैयार किया जा सकता है।
- कोविड प्रोटोकॉल और वित्तीय सहायता के साथ निरंतर गतिविधि की रणनीतियों का मिश्रण अपनाया जा सकता है।
- स्थानीय जन नेताओं को साथ में लेकर टीके की स्वीकृति को बढ़ावा देना। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड से बचाव के लिए प्रभावी टीकाकरण।
- स्थानीय समुदाय स्तर के नेताओं के साथ हाथ मिलाकर टीके की स्वीकृति को बढ़ावा देना। कोविड के खिलाफ लड़ाई की कुंजी, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जनसंख्या के टीकाकरण का प्रभावी कवरेज है।
- स्थानीय सामाजिक नेतृत्व द्वारा सामुदायिक स्तर पर जागरूकता से भ्रांतियों को दूर कर टीकाकरण को गति मिलेगी।