दिल्ली में हर माह आने वाले 15 लाख वाहन हुए कम, RFID टैग और पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का मिल रहा लाभ
RFID Tag पहले दिल्ली में हर माह 48-50 लाख वाहनों का प्रवेश होता था जो अब घटकर 33 से 35 लाख हो गया है।
नई दिल्ली (निहाल सिंह)। RFID Tag: दिल्ली में वाहनों के दबाव से होने वाले प्रदूषण से परेशान एजेंसियों के लिए राहत भरी खबर है। दिल्ली में हर माह करीब 15-17 लाख वाहनों के प्रवेश में कमी आई है। पहले दिल्ली में हर माह 48-50 लाख वाहनों का प्रवेश होता था जो अब घटकर 33 से 35 लाख हो गया है। इस कमी के पीछे ईस्टर्न व वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे और दिल्ली के 13 टोल नाकों पर आरएफआइडी टैग लागू किया जाना माना जा रहा है।
थर्ड पार्टी के अध्ययन में सामने आई है बात
यह बात दक्षिणी नगर निगम द्वारा तीसरे पक्ष (थर्ड पार्टी) से कराए गए अध्ययन से सामने आई है। आरएफआइडी टैग लागू होने के बाद कराए गए इस अध्ययन के अनुसार दिल्ली आने वाले वाहनों में प्रति माह औसतन 35 फीसद कमी आई है यानी करीब 50 हजार वाहनों ने अपना रास्ता बदल लिया है।
एक जुलाई से आरएफआइडी टैग हुआ था अनिवार्य
एक जुलाई से दिल्ली में आने वाले व्यावसायिक वाहनों को आरएफआइडी टैग लगवाना जरूरी था, लेकिन 13 अगस्त की मध्यरात्रि से टैग अनिवार्य किया गया। ऐसा नहीं होने पर वाहनों के प्रवेश पर दोगुना टोल टैक्स व दोगुना पर्यावरण क्षतिपूर्ति टैक्स भी वसूला जा रहा है। अध्ययन के मुताबिक, अब 15-17 लाख वाहन दिल्ली में प्रति माह कम आ रहे हैं।
ईस्टर्न व वेस्टर्न पेरिफेरल-वे और आरएफआइडी टैग लागू करने का हुआ असर
इनमें से अधिकतर वाहन ईस्टर्न या वेस्टर्न पेरिफेरल-वे का उपयोग कर रहे हैं, जबकि पंजीकरण रद होने से कुछ वाहन नहीं चल रहे हैं। ईस्टर्न पेरिफेरल-वे (केजीपी) हरियाणा के कुंडली से शुरू होकर गाजियाबाद, नोएडा होते हुए पलवल तक जाता है। वेस्टर्न पेरिफेरल-वे (केएमपी) हरियाणा के कुंडली से शुरू होते हुए गुरुग्राम, मानेसर होते हुए पलवल तक जाता है। दोनों एक्सप्रेस-वे इसलिए बनाए गए हैं ताकि जिन वाहनों का अंतिम गंतव्य दिल्ली नहीं है वह यहां न आएं।
101 टोल नाकों पर दी जाएगी हेंडेड डिवाइस
निगम ने 101 बचे हुए टोल नाकों पर हेंडेड डिवाइस के माध्यम से भी टोल वसूलने का फैसला किया है। निगम के अनुसार, इन हेंडेड डिवाइस को खरीदने के लिए निगम सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। जब निगम इन हेंडेड डिवाइसों को टोल कर्मियों को दे देगा तो टैग वाले वाहन अन्य टोल नाकों से भी कैशलेस रूप से दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे। निगम के अनुसार, अभी 50 फीसद वाहन कैशलेस प्रवेश कर रहे हैं। रोजाना करीब पांच हजार वाहन ऐसे हैं जिनसे टैग और टैग रिचार्ज न होने की स्थिति में दोगुना टोल वसूला जा रहा है। इसमें ज्यादातर टैक्सियां शामिल हैं।
दस और स्थानों पर स्थापित होगी आरएफआइडी तकनीक
निगम ने 13 टोल नाकों के बाद 10 अन्य स्थानों पर आरएफआइडी तकनीक को स्थापित करने का फैसला लिया है। इसमें ढांसा, झड़ौदा, न्यू सीमापुरी-1, न्यू कोंडली, चंद नगर, पुल प्रहलादपुर, बजघेड़ा, कोंडली-2, लोनी बॉर्डर, नोएडा मेजर वाले टोल नाके शामिल हैं। निगम के कुल 124 टोल नाके हैं। पहले चरण में 13 टोल नाकों पर आरएफआइडी तकनीक स्थापित की गई थी जिससे 85 फीसद व्यावसायि़क वाहन गुजरते थे।