दिल्ली: फ्लैट में मिला IB के सेवानिवृत्त अधिकारी का शव, पुलिस ने जताई ये आशंका
मधु विहार इलाके में एक सोसायटी के फ्लैट से सेवानिवृत्त आइबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) अधिकारी का शव बरामद हुआ है। बदबू आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। मधु विहार इलाके में एक सोसायटी के फ्लैट से सेवानिवृत्त आइबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) अधिकारी का शव बरामद हुआ है। बदबू आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। मृतक की पहचान नरेंद्र कुमार पाल (60) के रूप में हुई है।
नरेंद्र कुमार पाल फ्लैट में अकेले रहते थे। उनकी पत्नी और दो बेटियां अलग रहती हैं। शनिवार को पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। शुरुआती जांच के बाद स्वाभाविक मौत की आशंका है। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा।
नरेंद्र कुमार पाल 93, हिमवर्षा अपार्टमेंट, मधु विहार में रहते थे। वह आइबी में जूनियर इंटेलिजेंस ऑफिसर-एक के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने 2010 में निजी कारणों से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। परिवार में पत्नी राजबाला, दो बेटियां शीतल (27) और श्वेता (23) हैं। अनबन के कारण 2015 में पति-पत्नी दोनों अलग हो गए थे। पत्नी दोनों बेटियों को लेकर मयूर विहार फेज-1 में अपने भाई के यहां रहने लगीं। नरेंद्र और राजबाला के बीच तलाक का मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन था।
शीतल गुजरात के अहमदाबाद से एमबीए कर रही हैं, जबकि छोटी बेटी बरेली से बीएड की पढ़ाई कर रही हैं। शुक्रवार दोपहर नरेंद्र के पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी कि फ्लैट से काफी बदबू आ रही है। पुलिस मौके पर पहुंची तो फ्लैट का दरवाजा बंद था। पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी तो एक कमरे के बिस्तर पर नरेंद्र का शव सड़ी गली हालत में पड़ा था।
देखने से ऐसा लग रहा था कि शव करीब एक हफ्ते पुराना है। पड़ोसियों ने बताया कि नरेंद्र किसी से नहीं मिलते थे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उनके परिवार को सूचना दी। दोनों बेटियां दिल्ली पहुंच गई। शनिवार को परिवार की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया गया। परिजन ने बताया कि पिछले चार साल में नरेंद्र की किसी से बातचीत नहीं हुई थी। परिवार ने भी उनसे संपर्क नहीं किया था।
रिश्तेदारों ने पति-पत्नी के बीच सुलह कराने के प्रयास किए थे, लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। नरेंद्र शराब पीने के पीते थे। एक पड़ोसी ने बताया कि होली के दिन भी किसी ने उनकी सुध नहीं ली। उनसे कोई रिश्तेदार मिलने तक नहीं आया। उन्होंने बताया कि उनकी पड़ोसियों से भी नहीं बनती थी।