छेड़छाड़ मामले में अकेले पड़े एडीएम, कर्नल के बचाव में उतरे सैन्य अधिकारी मिली जमानत
पुलिस ने एडीएम के गनर राहुल नागर व नौकर जितेंद्र अवस्थी को गिरफ्तार कर लिया है। अब एडीएम, उसकी पत्नी और बेटे समेत अन्य आरोपियों की तलाश कर रही पुलिस।
नोएडा (जेएनएन)। एडीएम और उनकी पत्नी द्वारा मारपीट कर फर्जी मामले में गिरफ्तार कराए गए रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र सिंह चौहान को एससीएसटी स्पेशल कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया है। कोर्ट का आदेश होने के बाद सोमवार को ही वह गौतमबुद्धनगर की लुकसर जेल से रिहा हो गए। जेल से निकलते ही सेना के उनके मित्रों व अन्य अधिकारियों ने उनका फूल मालाओं से वार हीरो की तरह स्वागत किया। इतना ही नहीं इंसाफ की इस जंग में पहली जीत मिलने पर सेना के अधिकारियों ने उनके स्वागत के लिए एक पार्टी भी रखी। इस पार्टी में कर्नल वीरेंद्र सिंह चौहान और उनका परिवार शामिल हुआ।
इससे पहले कोर्ट में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में सीसीटीवी फुटेज पेश की। पुलिस जांच में एडीएम और उनकी पत्नी के पक्ष में कोई स्वतंत्र गवाह नहीं मिला। वहीं रिटायर्ड कर्नल के पक्ष में तीन रिटायर्ड वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने स्वतंत्र गवाह के तौर पर बयान दिए। यही उनकी जमानत अर्जी मंजूर होने का कारण बना। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट में कहा कि वीएस चौहान सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी हैं। उन्होंने देश के लिए कई लड़ाइयां लड़ी हैं। वह एक सम्मानित सीनियर सिटीजन हैं। उनका परिवार विदेश में रहता है।
बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट में कहा कि कर्नल के पड़ोस में रहने वाले एडीएम से अवैध निर्माण को लेकर उनका विवाद चल रहा है। सेवानिवृत्त कर्नल ने इसकी शिकायत प्राधिकरण में भी की थी। इसी वजह से दूसरा पक्ष नाराज चल रहा है। घटना के दौरान के सीसीटीवी फुटेज में दावा किया गया है कि लोग सेवानिवृत्त कर्नल को पीट रहे हैं। वहीं सेवानिवृत्त कर्नल के पक्ष में सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर गुरेंद्र जीत सिंह, कर्नल सुशील वोरा व अरूण प्रताप ने गवाही दी। जिसमें कहा गया कि लगाए गए आरोप झूठे हैं। उन्होंने खुद को घटना के दौरान मौके पर मौजूद होना बताया।
रिटायर्ड कर्नल वीएस चौहान संग मारपीट कर, कुर्सी की हनक में उन्हें ही जेल भिजवाने वाले मुजफ्फरनगर के एडीएम हरीश चंद्र के गनर मसूरी, गाजियाबाद निवासी राहुल नागर व नौकर जितेंद्र अवस्थी को रविवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इन्हें भी सोमवार को जमानत मिल गई है। अब पुलिस मामले में एडीएम, उनकी पत्नी व अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। वहीं कर्नल के समर्थन में उतरे रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों ने रविवार को बैठक कर तत्कालीन सीओ व एसएचओ को निलंबित करने की मांग की। मामले के तूल पकड़ने पर एसएसपी ने कुछ दिन पहले ही दोनों अधिकारियों का नोएडा से ग्रेटर नोएडा ट्रांसफर कर दिया है। हालांकि ग्रेटर नोएडा में भी दोनों अधिकारी चार्ज पर हैं।
सेक्टर-29 में कर्नल के पड़ोस में रहने वाले एडीएम हरीश चंद्र की पत्नी उषा चंद्र ने 14 अगस्त को नोएडा के थाना सेक्टर-20 में कर्नल के खिलाफ छेड़छाड़, अगवा करने का प्रयास समेत एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद एडीएम ने अपनी कुर्सी की हनक दिखाते हुए थाना सेक्टर-20 पुलिस पर दबाव बना रिटायर्ड कर्नल को ही जेल भिजवा दिया था। पुलिस ने भी प्रशासनिक अधिकारी के कहने पर बिना किसी जांच पड़ताल के रिटायर्ड कर्नल वीएस चौहान को जेल भेज दिया था।
रिटायर्ड कर्नल का आरोप है कि पुलिस ने मानवाधिकार नियमों के विपरीत उन्हें हथकड़ी लगाकर कोर्ट में पेश किया था। जैसे वह कोई खूंखार अपराधी हैं। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उनकी काफी बेइज्जती की। दोनों अधिकारियों ने उन्हें थाने में कुर्सी पर बैठाने की जगह फर्श पर बैठाया। उन्होंने अपनी बात रखनी चाही तो भी पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बुरी तरह झिड़क दिया था। उनकी बात तक नहीं सुनी गई।
इससे नाराज होकर नोएडा में रह रहे रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों ने पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। मामला तूल पकड़ने पर एसएसपी ने जांच कराई तो पता चला कि एडीएम की पत्नी उषा वर्मा के आरोप गलत हैं। इसके बाद एसएसपी के आदेश पर रिटायर्ड कर्नल की शिकायत पर थाना सेक्टर-20 में ही एडीएम हरीश चंद्र व उनकी पत्नी समेत सात लोगों के खिलाफ मारपीट व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
मामले में पुलिस ने एडीएम के गनर मसूरी, गाजियाबाद निवासी राहुल नागर व नौकर जितेंद्र अवस्थी को गिरफ्तार किया था। राहुल नागर पुलिस का सिपाही है, लिहाजा गौतमबुद्धनगर एसएसपी डॉ अजयपाल शर्मा ने उसके निलंबन के लिए गाजियाबाद के एसएसपी को संस्तुति भेजी है। एडीएम हरीश चंद्र मुजफ्फरनगर में तैनात हैं। रिटायर्ड कर्नल ने अपनी शिकायत में एडीएम हरीश चंद्र, उनकी पत्नी उषा चंद्र, बेटे अनुराग चंद्र सहित जितेंद्र अवस्थी, प्रशांत नागर, राहुल नागर व रोहित गुजराल को आरोपी बनाया गया है। पुलिस अब बाकी आरोपितों की तलाश कर रही है।
आज रिहा हो सकते हैं जेल में बंद कर्नल
रिटायर्ड कर्नल वीएस चौहान अभी लुक्सर जेल में बंद हैं। इस मामले की सुनवाई सोमवार को गौतमबुद्धनगर स्थित सीजेएम कोर्ट में होनी है। इसके लिए कर्नल के परिजनों ने कई वकीलों से मुलाकात की और कानूनी राय ली। सोमवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान रिटायर्ड कर्नल के परिजन भी वकील संग कोर्ट में मौजूद रहेंगे।
इंसाफ की लड़ाई के लिए यूएस से लौटा परिवार
रिटायर्ड कर्नल वीएस चौहान का पूरा परिवार यूएसए में रहता है। इस घटना की जानकारी मिलने पर दो दिन पहले उनकी पत्नी व बड़ी बेटी नोएडा आ गई थीं। रविवार सुबह उनकी छोटी बेटी भी नोएडा पहुंच गईं। रविवार सुबह ही वह अपनी मां के साथ पिता से मिलने लुक्सर जेल भी गईं थीं। वहीं बड़ी बेटी ने एसएसपी से मुलाकात कर पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की और अपने पिता का पक्ष रखा। एसएसपी ने उन्हें निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
चौकी इंचार्ज के बाद हथकड़ी लगाने वाला मुंशी भी निलंबित
14 अगस्त को पुलिस कंट्रोल रूम को हुई कॉल के बाद प्राथमिक जांच करने पहुंचे सेक्टर 29 चौकी इंचार्ज रवि तोमर को शनिवार को एसएसपी डॉ अजय पाल शर्मा ने कर्तव्यपालन में लापरवाही, अनुशासनहीनता व पुलिस बल की छवि को धूमिल करने के आरोप में निलंबित कर दिया था। पुलिस ने कर्नल को जेल भेजने से पहले सीसीटीवी रिकॉर्डिंग तक नहीं देखी। सोमवार को एसएसपी ने कर्नल को हथकड़ी लगाने वाले मुंशी वासिफ अली को भी निलंबित कर दिया गया है।
16 मेडल के साथ सेवानिवृत्त हुए हैं कर्नल
सेवानिवृत्त कर्नल का सेना में काफी सराहनीय योगदान रहा है। सियाचिन ग्लेशियर को कब्जा मुक्त कराने के ऑपरेशन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। वह थल सेना अध्यक्ष के एडीसी भी रहे हैं। उन्हें वीरता और अन्य राष्ट्र सेवाओं के लिए 16 मेडल मिल चुके हैं। 1965 के युद्ध में भी उनकी भूमिका सराहनीय रही थी।