इंटरनेट पर बैन लगाने नहीं हल होगी समस्या, जानलेवा है ब्लू व्हेल गेम
साइबर नियंत्रण से घटनाओं पर अंकुश नहीं लगेगा। अगर इंटरनेट के प्रयोग पर बंदिश लगाई जाएगी तो बच्चे के मन में गेम के बारे में जानने की इच्छा बढ़ेगी।
नई दिल्ली [जेएनएन]। देश-विदेश में ब्लू व्हेल गेम के कारण कई बच्चे जान गंवा चुके हैं। देश में इस गेम से स्कूली बच्चों को दूर रखने के लिए सीबीएसई ने संबद्ध स्कूलों को इंटरनेट प्रयोग के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं, लेकिन मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि साइबर नियंत्रण से इस तरह की घटनाओं पर अंकुश नहीं लगेगा। अगर इंटरनेट के प्रयोग पर बंदिश लगाई जाएगी तो बच्चे के मन में जानने की इच्छा बढ़ेगी।
मानव व्यवहार और संबद्ध विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. निमेश जे देसाई का कहना है कि इंटरनेट आने से सुविधा के साथ इस तरह के खतरे बढ़े हैं, जिनसे अभिभावकों व शिक्षकों को निपटना होगा। कानूनी तौर पर या बंदिशें लगा कर इस समस्या पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है, लेकिन यह इसका स्थायी समाधान नहीं है।
इससे बच्चों के बीच जानने की इच्छा और बढ़ेगी। इससे बचने के लिए अभिभावकों व स्कूलों को दोस्ताना तरीके से बच्चों को तकनीक के प्रयोग के बारे में बताना होगा। बच्चों की पहचान कर उन्हें जागरूक किया जाए। स्कूल के होनहार बच्चों को प्रशिक्षित कर फ्रेंड काउंसलर नियुक्त किया जाए।
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