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दिल्ली में रेजिडेंट डाक्टरों ने रविवार की ओपीडी का किया विरोध, आदेश वापस लेने की मांग

रविवार की ओपीडी शुरू करने के फैसले से रेजिडेंट डाक्टर नाराज हैं। इस वजह से फेडरेशन आफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) व फेडरेशन आफ आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फैमा) ने इसका विरोध किया है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से फैसला वापस लेने की मांग की है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 08:01 PM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 08:01 PM (IST)
दिल्ली में रेजिडेंट डाक्टरों ने रविवार की ओपीडी का किया विरोध, आदेश वापस लेने की मांग
अस्पतालों में रविवार की ओपीडी शुरू करने के फैसले से रेजिडेंट डाक्टर नाराज। प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह ]। केंद्र सरकार के अस्पतालों में रविवार की ओपीडी शुरू करने के फैसले से रेजिडेंट डाक्टर नाराज हैं। इस वजह से फेडरेशन आफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) व फेडरेशन आफ आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फैमा) ने इसका विरोध किया है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से फैसला वापस लेने की मांग की है। इन दोनों एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि रेजिडेंट डाक्टरों पर पहले ही काम का बहुत ज्यादा दबाव है। अब उन पर बोझ और बढ़ जाएगा।

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फोर्डा के अध्यक्ष डा. मनीष ने कहा कि कोरोना के दौर में भी रेजिडेंट डाक्टर डेढ़ साल से लगातार घंटों काम कर रहे हैं। रविवार को ओपीडी संचालित करने से रेजिडेंट डाक्टरों पर शारीरिक व मानसिक परेशानी बढ़ सकती है। डाक्टरों को भी सप्ताह में कम से कम एक दिन आराम व व्यक्तिगत कामकाज के लिए अवकाश की जरूरत होती है। रविवार को गंभीर मरीजों की इमरजेंसी में इलाज किया जाता है। इसलिए रविवार को ओपीडी शुरू करने का आदेश वापस लिया जाना चाहिए। फैमा (फेडरेशन आफ आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन) के पदाधिकारी डा. राकेश बागड़ी ने कहा कि हर विभाग में सप्ताह में कम से कम एक दिन अवकाश होता है।

रेजिडेंट डाक्टर सप्ताह में 72 घंटे से ज्यादा काम करते हैं। अस्पताल में डाक्टरों की भी कमी है। रेजिडेंट डाक्टरों का कहना है कि रविवार की ओपीडी शुरू करने से बेहतर यह होता कि इमरजेंसी सेवा में सुधार किया जाता। ताकि इमरजेंसी में पहुंचने वाले मरीजों को आसानी से इलाज की सुविधा मिल सके।


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