नगर निगम चुनाव के लिए आरक्षित सीटों का आदेश हुआ जारी, महिला पार्षदों को होगा फायदा
MCD Election News राजधानी में राज्य चुनाव आयोग द्वारा रोटेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सबसे ज्यादा नुकसान पुरुष पार्षदों को होगा। क्योंकि नए रोटेशन की प्रक्रिया से अधिकतर पार्षद अपनी सीट से अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। राजधानी में राज्य चुनाव आयोग द्वारा रोटेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सबसे ज्यादा नुकसान पुरुष पार्षदों को होगा। क्योंकि, नए रोटेशन की प्रक्रिया से अधिकतर पार्षद अपनी सीट से अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। आयोग के आदेश के तहत पूर्व की सामान्य सीटें अब महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हो गई है। इससे सबसे ज्यादा फायदा मौजूदा महिला पार्षदों का है। क्योंकि, सामान्य सीट पर महिला के चुनाव लड़ने पर कोई कानूनी अड़चन नहीं हैं। हालांकि तीनों नगर निगम में महिलाओं के 50 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण हैं, ऐसे में महिलाओं को सामान्य सीट पर अपने-अपने दल से टिकट लाना आसान नहीं होगा।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम : 20 सीटें अनुसूचित के लिए आरक्षित
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की बात करें तो 104 सीटों में से 20 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। जिसमें से दस महिला तो दस अनुसूचित जाति के पुरुषों के लिए आरक्षित हैं। बाकि 84 सामान्य वार्ड में से 42 महिलाओं के लिए आरक्षित हैं तो 42 ही सीट सामान्य हैं।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम: 15 सीटें अनुसूचित के लिए आरक्षित
इसी तरह दक्षिणी निगम की 104 सीटों में सेे 15 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इसमें से सात अनुसूचित जाति के लिए सामान्य हैं जबकि आठ अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। बाकि 89 सीटों में से 45 सीटें महिलाओं के लिए जबकि 44 सीटें सामान्य है।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम: 27 सीटे महिलाओं के लिए आरक्षित
पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 64 सीटों में से 11 सीटें (छह महिला, पांच सामान्य)अनुसचित जाति के लिए आरक्षित हैं। बाकि 57 में से 27 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में विभिन्न दलों की 49 महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम
वहीं, दक्षिणी निगम में 48 और पूर्वी निगम में 27 महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। वर्ष 2017 के निगम चुनाव की बात करें तो तीनों नगर निगम की 272 सीटों पर भाजपा ने 117 उम्मीदवार महिला उतारी थी, वहीं कांग्रेस ने 135 तो आम आदमी पार्टी (आप) ने 124 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था।
तो पत्नी को तैयारी टिकट दिलाने की होगी कोशिश
रोटेशन के बाद जिन सामान्य सीटों से मौजूदा पार्षद दूसरे वार्ड से लड़ने की कोशिश करेंगे। वहीं, ज्यादातर पार्षदों की कोशिश होगी कि वह अपनी सीट को दूसरे व्यक्ति के पास न जाने दें। इसलिए सभी राजनीतिक दलों के पार्षद अपने ही घर में सीट रखने की कोशिश करेंगे। इसलिए कोई मौजूदा पार्षद अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाने की तैयारी पहले से शुरू कर चुका है तो कोई अपनी बहू या बेटी को चुनावी मैदान में उतारने को तैयार हैं।
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