मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआइ ने दर्ज की रिपोर्ट, सतेंद्र जैन भी घेरे में
आरोप है कि पार्टी ने टॉक-टू-एके प्रोग्राम के लिए 1.58 करोड़ रुपये फेसबुक, यू-ट्यूब व गूगल पर विज्ञापन देने में खर्च किए।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली सरकार द्वारा जनता के धन का दुरुपयोग कर विज्ञापन के लिए खर्च करने के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) ने बुधवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
आरोप है कि पार्टी ने टॉक-टू-एके प्रोग्राम के लिए 1.58 करोड़ रुपये फेसबुक, यू-ट्यूब व गूगल पर विज्ञापन देने में खर्च किए। इस तरह सरकार ने सरकारी धन का इस्तेमाल दूसरे राज्यों में पार्टी के प्रचार के लिए किया। उधर, सीबीआइ ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की बेटी सौम्या जैन को स्वास्थ्य विभाग में सलाहकार नियुक्त किए जाने के मामले में भी प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज की है। सीबीआइ की इस कार्रवाई से दिल्ली में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। माना जा रहा है कि इससे पंजाब और गोवा में विधानसभा चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (आप) को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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मनीष सिसोदिया से जुड़े मामले में सीबीआइ को दिए गए सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, विज्ञापन देने के पीछे सरकार की मंशा गोवा व पंजाब सहित कुछ राज्यों में प्रचार करने की थी। दरअसल, आप सरकार ने टॉक-टू-एके कार्यक्रम लांच किया था ताकि सरकार से जनता संवाद कर सके, लेकिन सरकार ने इस कार्यक्रम के प्रचार के लिए जनता के धन का दुरुपयोग अन्य राज्यों में पार्टी का विज्ञापन करने के लिए किया।
जांच में पता चला कि इन राज्यों में प्रचार के लिए सरकारी खर्च से 60 लाख रुपये विज्ञापन के लिए फेसबुक को दिए गए, जबकि पैन इंडिया ऑडियंस गूगल, यू-ट्यूब को भी लाखों का विज्ञापन जारी किया गया। विज्ञापन के लिए सरकार ने एक इवेंट कंपनी को ओपन टेंडर जारी किए बगैर ही ठेका दिया। दिल्ली सरकार इस मामले में कोई जवाब भी नहीं दे सकी। इस मामले की जांच तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग ने पहले भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को सौंपी थी। कुछ महीने की जांच के बाद एसीबी ने इस मामले को सीबीआइ को सौंप दिया था।
उधर, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की बेटी सौम्या जैन को दिल्ली स्टेट हेल्थ मिशन में मिशन डायरेक्टर बनाया गया था। जैन के ही विभाग में उनकी बेटी की इस नियुक्ति पर भाजपा और कांग्रेस ने काफी शोर मचाया था और इससे दिल्ली की सरकार की फजीहत भी हुई थी। तत्कालीन उपराज्यपाल की संस्तुति पर इस मामले की आगे की जांच सीबीआइ को सौंपी गई थी। सीबीआइ जल्दी ही इस बारे में दिल्ली सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है।
सौम्या जैन को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के स्टेट हेल्थ मिशन में 18 अप्रैल 2016 से सलाहकार नियुक्त किया गया था। उन्होंने इसके लिए 1 अप्रैल 2016 को आवेदन किया था, लेकिन पत्र के मुताबिक संदेह की बात यह है कि 18 अप्रैल से सौम्या की नियुक्ति के मामले को सरकार की मंजूरी 10 मई, 2016 को मिली। यही नहीं, आवेदन और बायोडेटा के मुताबिक उनके पास स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने का कोई अनुभव नहीं है। उनको आर्किटेक्चर फील्ड में काम करने का अनुभव है। इस नियुक्ति में पारदर्शी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई।
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केजरीवाल ने फिर लांघी मर्यादा
उधर, सीबीआइ द्वारा मुकदमा दर्ज किए जाने से भड़के दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मर्यादा लांघ गए। उन्होंने ट्वीट किया कि मोदी जी पंजाब और गोवा में अपनी हो रही हार देखकर पगला गए हैं। मोदी जी के पास कोई काम नहीं रह गया है। वे हमारे पीछे हाथ धोकर पड़े हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी कायरों की तरह कार्य कर रहे हैं।
सीबीआइ का इंतजार करुंगा : सीबीआइ द्वारा शुरू की गई जांच के मामले में मनीष सिसोदिया ने केंद्र पर निशाना साधा है। सिसोदिया ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, स्वागत है मोदी जी! आइए मैदान में। कल सुबह आपकी सीबीआइ का अपने घर और दफ्तर में इंतजार करूंगा। देखते हैं कितना जोर है आपके बाजू-ए-कातिल में।
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