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होम केयर में रेमडेसिविर दवा लेने की सोच रहे तो जान लें एम्स की यह जरूरी सूचना

Remdesivir Guideline एम्स के डाॅक्टरों ने सलाह दी है कि कोरोना के मरीजों को होम केयर पर रेमडेसिविर दवा नहीं लेनी चाहिए और अगर ऑक्सीजन का स्तर 94 से नीचे चला जाता है तो उन्हें अस्पताल में भर्ती होना चाहिए।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 06:47 PM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 06:47 PM (IST)
होम केयर में रेमडेसिविर दवा लेने की सोच रहे तो जान लें एम्स की यह जरूरी सूचना
डा.नीरज ने कहा कि 80 फीसद संक्रमित रोगियों में बहुत हल्के लक्षण होते हैं।

नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना वायरस के प्रकोप बढ़ने के साथ ही दिल्ली में इस दूसरी लहर ने तबाही मचानी शुरू कर दी। हालांकि अब इस वायरस का प्रकोप थोड़ा कम हो गया है। मगर अब भी कई मरीज घरों पर अपना इलाज करवा रहे हैं। लोग दवा और ऑक्सीजन के लिए परेशान हो रहे हैं। वहीं, कोरोना के मरीजों के लिए रेमडेसिविर दवा की मांग काफी बढ़ी हुई है। लोग इसके लिए कई मेडिकल स्टोर के चक्कर लगा रहे हैं। इसी बीच एम्स ने इसको लेकर एक जरूरी सूचना साझा की है।

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किन्हें लेने से किया गया है मना

एम्स के डाॅक्टरों ने शनिवार को सलाह दी है कि कोरोना के मरीजों को होम केयर पर रेमडेसिविर दवा नहीं लेनी चाहिए और अगर ऑक्सीजन का स्तर 94 से नीचे चला जाता है तो उन्हें अस्पताल में भर्ती होना चाहिए। डाॅक्टर कोरोना रोगियों के लिए 'मेडिकेशन एंड केयर इन होम आइसोलेशन' पर एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे।

अस्पताल में भर्ती करने की दी सलाह

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डाॅ. नीरज निश्चल ने कहा रेमडेसिविर को कभी भी घर पर नहीं लेना चाहिए। होम आइसोलेशन में मरीजों के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण और नियमित व्यायाम जरूरी है। एम्स के ही डाॅक्टर मनीष ने कहा कि अगर आक्सीजन का स्तर 94 से नीचे चला जाता है, तो मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए। इसके साथ ही आक्सीजन के स्तर की जांच करते समय, रोगी की उम्र और अन्य पुरानी बीमारियों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

80 फीसद रोगियों में बहुत हल्के लक्षण

हालांकि, डा.नीरज ने कहा कि 80 फीसद संक्रमित रोगियों में बहुत हल्के लक्षण होते हैं। उन्होंने पहली जांच रिपोर्ट नकारात्मक आने पर दोबारा आरटी-पीसीआर आराम करने का सुझाव दिया। डाक्टरों ने यह भी सलाह दी कि दवाएं उचित मात्रा में और सही समय पर लेनी चाहिए।उन्होंने कहा कि 60 साल से अधिक उम्र के रोगियों और उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, गुर्दे और फेफड़ों से संबंधित पुरानी बीमारियों के साथ, डाक्टरों से परामर्श करने के बाद ही होम आइसोलेशन का निर्णय लिया जाना चाहिए।


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