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UP: घरों में दुकान चलाने वाले लाखों लोगों को मिली राहत, बिजली को लेकर नहीं होगी FIR

उत्तर प्रदेश में अब उपभोक्ता घरेलू बिजली कनेक्शन से दुकान की बिजली जला सकेंगे और उनके खिलाफ कोई एफआइआर नहीं होगी।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 11 Oct 2018 01:24 PM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 01:49 PM (IST)
UP: घरों में दुकान चलाने वाले लाखों लोगों को मिली राहत, बिजली को लेकर नहीं होगी FIR
UP: घरों में दुकान चलाने वाले लाखों लोगों को मिली राहत, बिजली को लेकर नहीं होगी FIR

नोएडा (जेएनएन)। नोएडा और गाजियाबाद समेत पूरे उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए उत्तर प्रदेश विद्युत वितरण निगम की ओर से एक अच्छी खबर आई है। अब उपभोक्ता घरेलू बिजली कनेक्शन से दुकान की बिजली जला सकेंगे और उनके खिलाफ कोई एफआइआर नहीं होगी। यह सुविधा सिर्फ 5 किलोवाट और उससे कम लोड के कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को दी गई है।

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ऊर्जा मंत्री की ओर से स्पष्ट किया है कि पांच किलोवाट तक के घरेलू कनेक्शनों का ऐसी स्थिति पर केवल एसेसमेंट कर बिल वसूला जाएगा। यूपीपीसीएल की प्रबंध निदेशक अपर्णा यू की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि बिजली निगम के कुछ अभियंता और विजिलेंस विंग के लोग गरीब और छोटे उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करने के लिए उन पर बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज करा रहे हैं।

ऊर्जा मंत्री ने संशोधित कानून के परीक्षण के बाद पावर कारपोरेशन के निदेशक वाणिज्य को इस मामले को गंभीरता से लेने के साथ ही पांच किलोवाट तक के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को ऐसे मामलों में अनावश्यक परेशान न करने के निर्देश दिए हैं।

घर में बनी दुकान पर बिजली इस्तेमाल करने पर ये विद्युत अधिनियम की धारा 135 के तहत कार्रवाई करते हैं जिसमें एफआइआर दर्ज करना आदेश है, जबिक विद्युत नियामक आयोग के आदेश 2019 के तहत ऐसे उपभोक्ताओं पर 126 के तहत कार्रवाई करने के निर्देश हैं जिसमें इन पर एसेसमेंट कर बिल वसूला जाएगा।

बता दें कि विद्युत अधिनियम-2003 में संशोधन के बाद कनेक्शन का मद बदलने को बिजली चोरी माना गया था। इससे वे सभी घरेलू उपभोक्ता बिजली चोरी के दायरे में आ गए थे, जो अपने घर में बनी दुकान को बिजली के घरेलू कनेक्शन से चला रहे थे।

ऐसे ये कई बार शिकायत आई में कई बार फील्ड अधिकारी व विजिलेंस के लोग ऐसे उपभोक्ताओं को बेवजह परेशान करते हैं।

इस पर वर्ष 2009 में विद्युत वितरण संहिता 2005 में संशोधन कर नियामक आयोग ने कानून बनाया कि पांच किलोवाट तक के घरेलू कनेक्शनों का मीटर व मीटरिंग सिस्टम यदि दुरुस्त है और परिसर के आंशिक भाग में कोई दुकान या वाणिज्यिक इस्तेमाल किया जा रहा है तो बिजली चोरी का मुकदमा न दर्ज करके उस पर विद्युत अधिनियम-2003 की धारा-126 के तहत एसेसमेंट की कार्रवाई की जाएगी।

एसके सिंह (अधीक्षण अभियंता, सर्किल-2) का कहना है कि पिछले दिनों से आदेश आ गया है। इसकी जानकारी सर्किल के सभी अधिशासी अभियंताओं और एसडीओ को दे दी गई है। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे उपभोक्ताओं पर एफआइआर की कार्रवाई न की जाए।  


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