स्वतंत्रता दिवस से रोशनी में नहाएगा किला, नॉर्थ-साउथ ब्लॉक की तर्ज पर होगा रोशन
यहां लाइटें रंग-बिरंगी नहीं होंगी, लेकिन मोनो लाइट भी खासी आकर्षक छटा बिखेरेगी।
नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। ऐतिहासिक लाल किला भी अब नॉर्थ और साउथ ब्लॉक की तर्ज पर रोशन होगा। यहां फ्लड लाइट नहीं बल्कि हर प्रमुख प्वाइंट पर एलईडी लाइट लगेगी। हालांकि, लाइटें रंग-बिरंगी नहीं होंगी, लेकिन मोनो लाइट भी खासी आकर्षक छटा बिखेरेगी। लाल किला का यह नया रूप इस स्वतंत्रता दिवस से देखने को मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि साउथ व नॉर्थ ब्लॉक सहित अन्य सरकारी इमारतों की तरह लाल किला पर भी अभी तक स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर ही लाइटिंग होती रही है। यह लाइटिंग भी फ्लड लाइटों के जरिये की जाती रही है।
मतलब, जगह-जगह बड़ी-बड़ी हाई मास्ट लाइटें लगा दी जाती हैं, उन्हीं से लाल किला दूधिया रोशनी में नहाया प्रतीत होता है। लेकिन, इस परंपरागत व्यवस्था में सुधार के मद्देनजर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) ने लाल किला की लाइटिंग का जिम्मा राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) को सौंपा है।
जानकारी के मुताबिक, एएसआइ की ओर से एनबीसीसी को तीन साल के लिए अनुबंधित करते हुए बाकायदा तीन करोड़ रुपये के बजट वाला टेंडर अवार्ड किया गया है। एनबीसीसी ने इसको लेकर लाइटिंग प्लानिंग का प्रेजेंटेशन तैयार कर एएसआइ से अनुमति ले ली है।
प्लानिंग के मुताबिक, एनबीसीसी लाल किला के लाहौरी गेट से दिल्ली गेट तक के 1.3 किमी तक के हिस्से में लाइटिंग करेगा। इस परिधि में आने वाले सभी गुंबदों, दीवारों, झरोखों और प्रमुख प्वाइंट्स पर एलईडी लाइटें लगाई जाएंगी। ये लाइटें टाइमर से जुड़ी होंगी। कभी एक साथ जलेंगी, कभी कुछ जलेंगी और कुछ बुङोंगी और कभी डांस करती हुई प्रतीत होंगी।
एनबीसीसी ने लाल किला की लाइटिंग के लिए फिलिप्स इंडिया को साथ में जोड़ा है। लाइटिंग का सारा काम जुलाई के अंत तक पूरी कर लिया जाएगा। अगस्त में इसका ट्रायल होगा एवं 71वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किला के नए रूप को जनता को समर्पित कर दिया जाएगा।
आरके अग्रवाल (कार्यकारी निदेशक, एनबीसीसी) के मुताबिक, लाल किला को नुकसान नहीं पहुंचे, इसके लिए एएसआइ ने साउथ और नॉर्थ ब्लॉक की तर्ज पर यहां रंगीन लाइटिंग की अनुमति नहीं दी है। मगर मोनो लाइटिंग में भी इसका अलग ही रूप नजर आएगा। एएसआइ पर निर्भर करता है कि यह लाइटिंग सिर्फ सरकारी पर्वो पर की जाए या बाकी दिनों में भी। इतना अवश्य है कि लाइटिंग के बाद इंडिया गेट की तर्ज पर दिन में ही नहीं, बल्कि रात को भी लाल किला देखने पर्यटक आने शुरू हो जाएंगे।